भुवनेश्वर. मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना की अध्यक्षता में कल आपदा प्रबंधन की राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) की तीसरी बैठक हुई. इसमें चक्रवातों के असर को कम करने के लिए कई उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई. जेना ने बिजली गिरने से हो रही मौतों को कम करने लिए खालि मैदानों में बड़े पाम ट्री लगाने का सुझाव दिया है. इसके अलावा चक्रवातों के प्रभाव को कमजोर करने में मैंग्रोव वन की भूमिका पर भी जोर दिया है.

बैठक में मुख्य सचिव ने चक्रवातों के खिलाफ प्रभावी प्राकृतिक सुरक्षा उपायों के रूप में मैंग्रोव के घनत्व पर जोर दिया. उन्होंने बिजली गिरने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर पाम ट्री लगाने का अभियान चलाने की भी सलाह दी. उन्होंने कृषि और किसान अधिकारिता विभाग, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग को सभी क्षेत्रों में, विशेषकर उन जिलों में, जहां बिजली गिरने का खतरा है, अधिक से अधिक पाम ट्री लगाने की सलाह दी.

उन्होंने एसईसी द्वारा अनुमोदित होने के बाद ओडिशा फायर एंड इमरजेंसी सेवाओं के लिए खोज और बचाव उपकरण, सहायक उपकरण और वाहनों की खरीद को भी रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि कुल प्रस्तावित (240,33,51,108. रुपये) राशि से 159,02,19,356 रुपये पहले ही जारी किया जा चुका है.

बैठक में राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से वित्त पोषण के लिए प्राप्त शमन प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई. जबकि निर्माण विभाग ने केंद्रपाड़ा, भद्रक, संबलपुर और कालाहांडी जिलों में आठ बाढ़ प्रतिरोधी सड़कों के निर्माण के लिए 8,128.98 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे SATARK ऐप के माध्यम से प्रति वर्ष 50 लाख रुपये की लागत पर तीन साल (2023-24, 2024-25 और 2025-26) के लिए ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) ने अर्थ नेटवर्क के सहयोग से बिजली चेतावनी / पूर्वानुमान प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए एक गैर-संरचनात्मक बिजली शमन प्रस्ताव रखा.

इसी तरह, ओएसडीएमए ने भी पुरी, कोणार्क, गोपालपुर और पारादीप जैसे सुनामी-प्रवण शहरी क्षेत्रों को सुनामी रेडी बनाने के लिए 13,21,200 रुपये का प्रस्ताव पेश किया है.