भुवनेश्वर: कांग्रेस ने मंगलवार को बारबाटी-कटक विधायक मोहम्मद मोकिम और सीएलपी के पूर्व उपनेता चिरंजीब बिस्वाल का निलंबन वापस ले लिया गया है. पार्टी ने पूर्व विधायक कृष्ण चंद्र सागरिया का निष्कासन भी रद्द कर दिया है.
सोमवार को मोकिम और बिस्वाल, जिन्हें छह महीने पहले पुरानी पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, उन्होंने भुवनेश्वर में कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार से मुलाकात की. अजय कुमार ने कहा कि हमें मोकिम भाई और चिरंजीब दोनों को एक परिवार के सदस्य के रूप में देखना चाहिए. वे मजबूत नेता हैं और पार्टी संगठन से जुड़े हैं. यह हम सभी के लिए अनिवार्य है कि हमें मौजूदा गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने 16 जुलाई 2023 को उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से निलंबित कर दिया था. इससे पहले उन्हें झारसुगुड़ा विधानसभा उपचुनाव से पहले भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी मामलों और संगठन के खिलाफ उनके बयानों के लिए शो कॉज नोटिस जारी किया गया था. दोनों वरिष्ठ नेताओं को पिछले साल झारसुगुड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल नहीं किया गया था.
निलंबन के बावजूद दोनों नेता किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए. हालांकि उनके बीजू जनता दल (बीजेडी) में शामिल होने की अटकलें थीं. सागरिया को श्रीकांत जेना के साथ जनवरी 2019 में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था. जब उन्होंने कोरापुट के कुंडुली में एक बलात्कार और हत्या पीड़िता और उसके परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने में विफल रहने से नाराज होकर ओडिशा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने तत्कालीन ओपीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक की कड़ी आलोचना की थी.
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