भुवनेश्वर. ओडिशा मेडिकल एसोसिएशन (OMSA) ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी सात सूत्रीय मांगों को आगामी एक महीने में पूरा नहीं किया गया, तो राज्यभर के डॉक्टर कार्य बहिष्कार और सामूहिक इस्तीफे का रास्ता अपनाएंगे. यह निर्णय शनिवार को राजधानी भुवनेश्वर में हुई एसोसिएशन की आम सभा बैठक में लिया गया.

DACP को तुरंत लागू करने की मांग

डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में सबसे अहम है राज्य में डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (DACP) योजना का तत्काल क्रियान्वयन. OMSA का कहना है कि देश के 18 राज्यों में DACP पहले ही लागू किया जा चुका है, लेकिन ओडिशा सरकार अब भी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रही है.

कैडर पुनर्गठन और दंत चिकित्सकों के लिए सुविधाएं

डॉक्टरों ने राज्य में पिछले सात वर्षों से लंबित पड़े कैडर पुनर्गठन की ओर भी सरकार का ध्यान दिलाया. साथ ही OMSA ने दंत चिकित्सकों के लिए भी DACP, स्नातकोत्तर शिक्षा में प्रोत्साहन और अन्य लाभ प्रदान करने की मांग की है.

संविदा डॉक्टरों और तबादलों में पारदर्शिता पर जोर

OMSA ने DACP लागू करते समय एडहॉक डॉक्टरों की संविदा अवधि को भी अनुभव के रूप में मान्यता देने की मांग की है. इसके साथ ही, डॉक्टरों के तबादलों में पारदर्शिता बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा गया कि जो डॉक्टर KBK (कalahandi, Bolangir, Koraput) क्षेत्रों में पांच साल से सेवा दे रहे हैं, उन्हें उनकी पसंद के स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य बीमा और मूल्यांकन प्रणाली में सुधार की अपील

डॉक्टरों की अन्य मांगों में सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे सभी डॉक्टरों के लिए स्वास्थ्य बीमा की सुविधा और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को डॉक्टरों की मूल्यांकन रिपोर्ट जारी करने का अधिकार देना शामिल है.

आंदोलन की चेतावनी

ओएमएसए ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने एक महीने के भीतर इन मांगों को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की, तो राज्यभर के डॉक्टर सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे और सेवाएं ठप कर दी जाएंगी. इससे ओडिशा की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है.