भुवनेश्वर : ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों से किसी भी प्रकार की चुनावी गतिविधियों में बच्चों को शामिल करने से परहेज करने का आग्रह किया है। यह कदम बीजद, भाजपा और कांग्रेस सहित प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे पर चुनावी गतिविधियों और अभियान में बच्चों का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से संपर्क करने के मद्देनजर उठाया गया है।

मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के साथ-साथ मान्यता प्राप्त अपंजीकृत दलों के अध्यक्षों और सचिवों को लिखे एक पत्र में, अतिरिक्त सीईओ एन थिरुमाला नाइक ने उनसे आग्रह किया कि वे अभियान, वोटों के प्रचार, पोस्टर वितरणपर्चे, नारे या चुनाव संबंधी बैठकें सहित किसी भी प्रकार की चुनावी गतिविधियों में बच्चों का उपयोग न करें।

ईसीआई द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, बच्चों को गोद में लेना, उन्हें वाहनों में ले जाना या उन्हें चुनाव अभियान या रैलियों का हिस्सा बनाना दिशानिर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा।

इसके अलावा, बोले गए शब्दों/कविताओं/गीतों के माध्यम से राजनीतिक अभियान की झलक तैयार करने, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिन्ह का प्रदर्शन, राजनीतिक दल की विचारधारा का प्रदर्शन, किसी राजनीतिक दल की उपलब्धियों को बढ़ावा देने या प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों की आलोचना करने के लिए बच्चों का उपयोग किया जाता है। पत्र में कहा गया है, इसका सहारा नहीं लिया जाएगा।

हालाँकि, यह स्पष्ट किया गया था कि मानदंडों के अनुसार किसी बच्चे की उसके माता/पिता/अभिभावक के साथ उपस्थिति मात्र या एक बच्चे की अपनी माता/पिता/अभिभावक की गोद में एक राजनीतिक नेता के निकट उपस्थिति और जो नहीं है राजनीतिक दल द्वारा चुनाव प्रचार से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल होने को दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।

राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से यह भी कहा गया है कि वे किसी भी चुनाव-संबंधित कार्य या गतिविधियों में बाल श्रम को शामिल करने से बचें और यह सुनिश्चित करें कि बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत संशोधित बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986, (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन न हो।

यह देखते हुए कि ईसीआई ने हमेशा चुनाव-संबंधी कार्यों में किसी भी तरह से बच्चों के उपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई है और समय-समय पर इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, पत्र में राजनीतिक दलों से कहा गया है कि वे इसके खिलाफ जारी आयोग के पिछले निर्देशों का सख्ती से पालन करें।