भुवनेश्वर. अखिल भारतीय बाघ अनुमान (AITE) 2022 की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए, जुलाई में राज्य सरकार ने ओड़िशा में अपना खुद का बाघ सर्वेक्षण करने का फैसला किया है. जुलाई में जारी किए गए AITE रिपोर्ट में कहा गया था कि 2016 में ओडिशा में मौजूद आधे से ज्यादा बाघ गायब हो गए हैं. इसके दो अधिसूचित बाघ अभयारण्यों में से एक, सतकोसिया टाइगर रिजर्व में कोई बाघ नहीं बचा है. इसमें कहा गया है कि ओडिशा में 2006 में 45 से कम होकर 20 बाघ बच गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में संख्या 2018 में 8 से दोगुनी होकर 2022 में 16 हो गई है.
लेकिन इस रिपोर्ट में बताए गए तथ्यों पर ओड़िशा सरकार को भरोसा नहीं है. एआईटीई की कार्यप्रणाली से असहमत होकर, ओडिशा सरकार ने अपनी खुद की बाघ गणना की तैयारी शुरू कर दी है, जो अक्टूबर यानी की अगले महिने से शुरू होनी है.
जबकि 2006 से एआईटीई ने पगमार्क पद्धति को नई तकनीकों से बदल दिया है, ओडिशा का बाघ सर्वेक्षण पगमार्क और अन्य तरीकों के साथ-साथ कैमरा ट्रैप जैसे आधुनिक टेकनिक पर निर्भर करेगा. ओडिशा वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एआईटीई-2022 रिपोर्ट में ओडिशा में बाघों की उपस्थिति, निवास स्थान और संख्या का सटीक तथ्य नहीं दिया गया है, क्योंकि सैंपलिंग इटेंसिटी अपेक्षाकृत कम थी.
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एआईटीई प्रोटोकॉल के अनुसार पहले चरण के सर्वेक्षण में (बाघ अभयारण्यों, संरक्षित क्षेत्रों, आरक्षित वनों, संरक्षित वनों, सभी वन्यजीवों और क्षेत्रीय प्रभागों में राजस्व वनों में) और दुसरे चरण में सभी संभावित क्षेत्रों में खोज होनी चाहिए. लेकिन ओड़िशा में बाघ पाए जाना वाले कुछ सीमित क्षेत्रों में ही सर्वेक्षण किया गया था. राज्य ने दावा किया कि ओडिशा में कुल 733 कैमरा ट्रैप तैनात किए गए थे. जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में क्रमशः 6,894 और 4,872 कैमरा ट्रैप तैनात किए गए थे.
राज्य का लक्ष है कि राज्य में सटिक रुप से बाघों की गणना किया जाए. सटिक गणना के आधार पर बाघों की प्राकृतिक आवास की रक्षा के साथ साथ बाघों की क्लोज मॉनिटरिंग और सुरक्षा संभव हो पाएगा. राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि वे एआईटीई की तुलना में राज्य में ज्यादा संख्या में बाघ पाए जाने की पुरी संभावना है. इसमें दावा किया गया कि एआईटीई सर्वेक्षण में चार साल के अंतराल के कारण, हर चक्र में केवल वयस्क बाघों की ही गिनती की जाती है. जिससे किशोर बाघ इस गिनती में शामिल नहीं होते हैं. जो अगले एआईटीई के आने से पहले वयस्क हो जाते हैं.
सर्वे कहां किया जाएगा?
चार तटीय जिलों को छोड़कर इस सर्वेक्षण ओडिशा के बाकी हिस्सों में दो श्रेणियों बिभाजित किया गया है. ओड़िशा के दोनों बाघ अभयारण्यों और बाघ अभयारण्यों के बाहर वन ब्लॉकों में यह सर्वेक्षण किया जाएगा.
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