भुवनेश्वर। राज्य में विपक्ष के और बीजेडी प्रमुख नेता नवीन पटनायक के विधायकों की सैलरी बढ़ोतरी न लेने की घोषणा को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने नवीन पटनायक पर निशाना साधते हुए कहा कि सैलरी बढ़ोतरी न लेने की घोषणा महज एक राजनीतिक स्टंट है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब विपक्ष के नेता को विधानसभा में अपनी बात रखने का अवसर मिला था, तो वे सदन में आकर विरोध क्यों नहीं कर सके।

भाजपा के वरिष्ठ विधायक जयनारायण मिश्रा ने भी नवीन पटनायक के बयान को ड्रामा करार दिया। उन्होंने कहा कि नवीन बाबू बेहद संपन्न व्यक्ति हैं, उन्हें सैलरी की आवश्यकता नहीं है। यह सब सिर्फ राजनीतिक दिखावा है, जिसे अब जनता गंभीरता से नहीं ले रही। मिश्रा ने यह भी कहा कि यदि विपक्ष ने सदन में सैलरी बढ़ोतरी का विरोध किया होता, तो सरकार इस पर पुनर्विचार कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी बीजद की दोहरी नीति पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता पवित्र सौंता ने कहा कि यदि विपक्षी नेताओं को सैलरी नहीं लेनी थी, तो बीजद ने विधानसभा में सैलरी बढ़ोतरी के बिल का समर्थन क्यों किया। उन्होंने कहा कि जब बिल पारित हो रहा था, तब बीजद के सभी विधायक और विपक्ष के प्रमुख नेता सदन में मौजूद थे और उन्होंने इसका समर्थन किया। अब राजनीतिक लाभ के लिए सैलरी न लेने की बात करना उचित नहीं है।
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि नवीन पटनायक लंबे समय तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके पास पर्याप्त संपत्ति है। ऐसे में सैलरी न लेने की बात कहना आसान है, लेकिन सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी उन पूर्व विधायकों के लिए राहत है, जो आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने बीजद से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग करते हुए कहा कि एक तरफ पार्टी सैलरी बढ़ोतरी का समर्थन करती है और दूसरी तरफ उसके नेता इसका विरोध करते हैं, जो भ्रम की स्थिति पैदा करता है।
विधानसभा में तीन अलग-अलग बिल पारित
आपको बता दें कि राज्य में विधायकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को हाल ही में संपन्न विंटर सेशन में पूरा किया गया। विधानसभा में तीन अलग-अलग बिल पारित कर विधायकों की सैलरी, भत्तों और पेंशन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी की गई है। यह संशोधित सैलरी जून 2024 से लागू होगी। नए प्रावधान के तहत अब विधायकों की सैलरी हर पांच साल में स्वतः बढ़ेगी और इसके लिए अलग से बिल लाने की जरूरत नहीं होगी।
सैलरी रिवाइज होने के बाद विधायकों कितनी मिलेगी सैलरी
जानकारी के अनुसार, 2017 में आखिरी बार सैलरी रिवाइज होने के बाद विधायकों को 35,000 रुपये मासिक बेसिक सैलरी मिलती थी, जो भत्तों सहित करीब एक लाख रुपये थी। अब बेसिक सैलरी बढ़ाकर 90,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। विभिन्न भत्तों को जोड़कर विधायकों को कुल 3.45 लाख रुपये मासिक वेतन मिलेगा। इसके अलावा विधानसभा सत्र और स्थायी समिति की बैठकों में शामिल होने पर उन्हें सिटिंग अलाउंस भी दिया जाएगा। भत्तों में निर्वाचन क्षेत्र, यात्रा, समाचार पत्र, बिजली बिल, व्यक्तिगत भ्रमण, चिकित्सा और टेलीफोन भत्ता शामिल है।
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