पुरी। माघ सप्तमी के शुभ दिन पर शुक्रवार को ओडिशा के पुरी जिले में कोणार्क के पास चंद्रभागा समुद्र तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए और पवित्र तालाब में स्नान किया. जबकि चंद्रभागा नदी लगभग विलुप्त हो चुकी है, इसके तल के एक हिस्से को खोदा जाता है और ‘माघ’ महीने के पहले भाग के सातवें दिन पवित्र स्नान के लिए तालाब में बदल दिया जाता है. महादेव की पूजा इस ‘माघ मेले’ के उत्सव को अद्वितीय बनाती है. Read More – अंग दान करने वालों का राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री ने की घोषणा
आधी रात को तीन अलग-अलग गांवों से त्रिबेनीश्वर, दक्षिणेश्वर और ईशानेश्वर को एक जुलूस के रूप में चंद्रभागा मेला स्थल पर लाया गया और प्रसाद चढ़ाया गया. इसके बाद तीर्थयात्रियों ने मिट्टी के बर्तनों में पकाए गए ‘सुखुआ’ (सूखी मछली) करी और चावल का आनंद लिया. जबकि केले के पत्तों पर भोजन का स्वाद लिया जाता है और नदी में डुबकी लगाने से पहले परंपरा के अनुसार खाना पकाने के बर्तनों को तोड़कर तालाब में फेंक दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि तालाब से बर्तनों के सभी टूटे हुए टुकड़े गायब हो जाते हैं. पवित्र स्नान के बाद तीर्थयात्री सूर्य मंदिर परिसर में नबग्रह मंदिर में प्रार्थना करते हैं.
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