Odisha News: भुवनेश्वर. रायगढ़ा के बाद डिप्थीरिया कोरापुट और कालाहांडी में फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि रायगड़ा के काशीपुर क्षेत्र में इसके प्रकोप के बाद डिप्थीरिया कोरापुट और कालाहांडी जिलों में भी अपना जाल फैला रहा है. इन तीनों जिलों से अब तक बैक्टीरिया संक्रमण के कुल 21 मामले सामने आ चुके हैं. नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं जबकि विशेष स्वास्थ्य टीमें निगरानी कर रही हैं और अन्य एहतियाती कदम उठा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्थीरिया ने राज्य में अब तक पांच लोगों की जान ले ली है. रायगढ़ा में 15, कोरापुट में 1 और कालाहांडी में बाकी 4 से 5 मामले सामने आए हैं. कोरापुट से सामने आए एक मामले की हालत गंभीर बताई जा रही है. रायगड़ा जिले में समग्र स्थिति स्थिर बताई जा रही है. एंटी-डिप्पीरिया सीरम लाया गया है और इसे संक्रमित व्यक्तियों को दिया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डब्ल्यूएचओ की टीम राज्य के प्रभावित जिलों के गांवों का दौरा कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों से एहतियात के तौर पर मास्क का उपयोग करने का आग्रह किया है. सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक नीलकंठ मिश्र ने कहा, बंधुगांव से 1 मामला सामने आया है और उसे एमकेसीजी में स्थानांतरित कर दिया गया है. कालाहांडी में सर्वेक्षण जारी है और हमें वहां से 3 से 4 मामलों पर संदेह है. डिप्थीरिया के मामले मुख्य रूप से तनाव परिवर्तन या प्रतिरक्षा की कमी के कारण सामने आए हैं. हम इसका विश्लेषण कर रहे हैं. घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि लोगों का टीकाकरण हो चुका है. यह वायरस एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति संवेदनशील है. अगर जरूरत पड़ी तो टीके दोबारा लगाए जाएंगे. मित्र ने कहा कि वायु जनित महामारी के दौरान मंचरण की जांच करने के लिए सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.
रायगड़ा में बोस्टर खुराक
स्वास्थ्य विभाग ने काशीपुर में बूस्टर डोज लगाने का निर्णय लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 1 साल तक के बच्चों को पैटाडोज और 5 से 15 साल तक के बच्चों को टीडी की खुराक दी जाएगी. परिवार कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. संजुक्ता साहू ने बताया कि रायगड़ा में बुस्टर टीकाकरण के लिए पत्र जारी किया गया है और जिला सभी हितधारकों के उचित मार्गदर्शन के साथ इसे क्रियान्वित करेगा. बूस्टर डीज सभी को दी जा सकती है. पेंटाडीज उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने इसे नहीं लिया है. टीडी की खुराक 5 से 15 साल तक के लोगों को दी जाएगी.