Odisha News: भुवनेश्वर. प्रदेश में सत्ता बदलते ही चारों ओर परिवर्तन का आभास लग रहा था जिसकी ताबडतोड़ झलक देखने को भी मिल चुकी है. नई भाजपा सरकार शपथ लेते ही तुरंत यह निर्णय लिया एवं श्रीमंदिर के चारों द्वार खोलने हेतु निर्देश जारी कर के एक संदेश देने की कोशिश की कि चापलुसी करके सरकारी बागडोर संभालने वालों की अब खैर नहीं है. ज्ञात हो कि काफी दिनों से सरकार पर यह आरोप भी लग रहा था कि प्रशासनिक अधिकारीगण अपने हिसाब से ओडिशा को चला रहे हैं और चुने हुए जन प्रतिनिधियों को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है. नतीजा यह था कि एक ही अधिकारी एक ही जगह बड़े मजे से सालों तक चौकडी मार कर बैठा रहा और सिस्टम को नचाते हुए ‘भ्रष्टाचार का बोलबाला हुआ जो अब नहीं चलने की चेतावनी मिल चुकी है.
प्रदेशवासियों को स्वच्छ शासन देने के लिए राज्य सरकार तबादला एवं प्रमोशन का नियम बनाया है जिसके आधार पर एक कार्यालय में एक विभाग में अधिकारी तीन साल एवं क्लर्क तथा पिअन अधिकतम पांच साल तक रह सकते हैं. उसके बाद उनका तबादला जरुर होना चाहिए लेकिन यह नियम प्रदेश के अधिकतम जिलों में पालन नहीं किए जाने का आरोप कई सालों से लगता आता रहा है जिसे बीजद सरकार नजरअंदाज करती रही. यहां तक कि सेवानिवृत हुए आईएएस अधिकारियों को
सुविधा के अनुसार सरकार द्वारा पुनः नियुक्ति दी गई जो सीधे तौर पर यह दर्शाता है कि अंदरखाने क्या चल रहा था. अब जब सरकार बदलचुकी है तो इसका संज्ञान लेना प्रारंभ कर दिया गया है.
नई सरकार द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही पुनः नियुक्ति पाए कुछ आईएएस अधिकारियों ने फाटाफट अपने पोस्ट से इस्तीफा दे दिया जिसकी काफी चर्चा हुई. जिला कार्यालय, ब्लाक कार्यालय, पुलिस विभाग, तहसील विभाग ऐसे प्रदेश के लगभग सारे विभागों में कमर्चारी तथा अधिकारीगण सालों से पैर जमाए बैठे हुए हैं जिसका खामियाजा आम जनों को मिल रहा है.
डुंगुरिपाली ब्लाक कार्यालय तथा अन्य विभागों में भी एक एक अधिकारी छह साल से ज्यादा समय हो चुका है कार्यरत हैं जो तबादले नियम का खुला उलंघन है. एक ही विभाग पर जब एक अधिकारी लंबे समय तक पदस्थ रहता है तो उसका घमंड बढ़ जाता जिससे लोगों को सरकारी सुविधा का लाभ समय पर बिना रिश्वत के नहीं मिल पाता है. परंतु अब ओडिशा में भाजपा की मोहन सरकार आ चुकी है जिससे नीचे से उपर तक एक बडा फेरबदल देखने को जल्द मिलेगा.
सोशल मीडिया में नए मुख्यमंत्री का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें यह देखा जा सकता है कि राइसूआँ थाने के थानाधिकारी त्रिनाथ सेठी कैसे केंदुझर विधायक मोहन माझी को मिस बिहेव कर रहे हैं. उस समय उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कुछ दिन के बाद यही विधायक मुख्यमंत्री बनेंगे. अब लोगों का कहना है कि अब तेरा क्या होगा रे कालिआ.
आम जनों का कहना है कि सिर्फ पीसी के लिए जो जो सरकारी योजानओंको लागू किया गया था उसे जल्द बंद किया जाए एवं जो गरीब लोगों के हित में उसको संशोधित नामों से चलने दिया जाए ताकि नई सरकार पर विश्वास बना रहे.