कटक। ओडिशा के कटक नगर निगम (सीएमसी) के प्रवर्तन दस्ते ने शुक्रवार को कटक शहर में सड़क किनारे चल रही मांस और पोल्ट्री की दुकानों पर छापा मारा. बीजू पटनायक चौराहे और शहर के अन्य स्थानों पर सड़क किनारे कई दुकानों पर सीएमसी के डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में छापेमारी की गई. Read More – Odisha News: अनुगुल में हेडमास्टर ने कक्षा के अंदर फांसी लगाकर की आत्महत्या, जांच जारी…

यह छापेमारी उड़ीसा उच्च न्यायालय के समक्ष सीएमसी के उपायुक्त की व्यक्तिगत उपस्थिति के मद्देनजर हुई है. अधिकारी ने कहा कि कटक में सड़क किनारे की पोल्ट्री दुकानें जल्द ही बंद कर दी जाएंगी. इससे पहले हाई कोर्ट ने शहर में खुलेआम मुर्गे-बकरियों की हत्या पर नाराजगी जताई थी. साथ ही नगरीय निकाय को सभी दुकानों को बूचड़खाने में समायोजित करने का निर्देश दिया था. हालांकि, मांस विक्रेताओं ने आरोप लगाया कि बूचड़खाने में मांस काटने के बावजूद सीएमसी अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं.

एक मांस विक्रेता ने आरोप लगाया है कि, सीएमसी अधिकारियों ने हमें बूचड़खाने में मांस काटने और सड़क के किनारे हमारी दुकानों पर बेचने के लिए कहा था, लेकिन बूचड़खाने की सभी रसीदें दिखाने के बावजूद, जहां मैं मांस काटता था और इसे बेचने के लिए यहां लाया था, अधिकारियों ने मेरा सारा मांस और उपकरण ले लिया.

हालांकि, खरीदारों ने एक और चिंता व्यक्त की है. एक स्थानीय निवासी, जो मांस खरीदने के लिए दुकान पर था, उसने कहा, “हम उच्च न्यायालय के आदेश से सहमत हैं, लेकिन अगर वे बूचड़खाने में मांस काटकर यहां बेचेंगे तो हमें कैसे पता चलेगा कि वे कौन सा मांस बेच रहे हैं. हम कैसे सुनिश्चित करेंगे कि जो मटन वे बेच रहे हैं वह असली है?”

इस साल जून में, उड़ीसा उच्च न्यायालय ने स्ट्रीट वेंडर्स प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट, 2014 के कार्यान्वयन पर सीएमसी से अपडेट मांगा. याचिका में सीएमसी को स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के तहत शहर में वेंडिंग जोन घोषित करने और कानून के प्रावधानों के अनुसार विक्रेताओं को लाइसेंस देने का निर्देश देने की मांग की गई है. नियमों को लागू करने के लिए सीएमसी ने टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया था.