खुर्दा। एशिया के सबसे बड़े खारे पानी के लैगून चिल्का झील में गुरुवार को प्रवासी पक्षियों की गिनती शुरू हो गई. चिल्का वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत सातपाड़ा, रंभा, बालूगांव, टांगी और चिल्का रेंज में आज सुबह 6 बजे से पक्षियों की गिनती शुरू हुई.
पक्षियों की गिनती के लिए चिल्का को पांच जोन में बांटा गया है और कुल 21 टीमें गिनती के काम में लगाई गई हैं. आठ टीमें टांगी जोन में, पांच बालूगांव में, तीन टीमें सतपाड़ा में और बाकी पांच टीमें रंभा और कृष्णप्रसाद जोन में लगी हैं.
कुल मिलाकर 120 सदस्यों वाली 21 टीमें पक्षियों की गिनती में लगी हुई हैं. 21 टीमों में से 11 टीमें टांगी रेंज में गिनती प्रक्रिया में शामिल हैं. प्रत्येक टीम में 6 से 7 गणनाकार शामिल है और इस वर्ष झील में आने वाले पक्षियों की गिनती के लिए जीपीएस, दूरबीन का उपयोग किया जाएगा.
टीम में वन्यजीव विभाग, वन विभाग, ओयूएटी के छात्र, सामाजिक संगठन वाइल्ड उड़ीसा और वाइल्डीज़ के कार्यकर्ता और टांगी रेंज और बीएनएचएस में तीन पक्षी संरक्षण समितियों के सदस्य शामिल हैं.
इस साल चिलिका में जमीन और पानी दोनों जगह आए पक्षियों की संख्या की गणना की जाएगी. हर साल सर्दी के मौसम में रंग-बिरंगे प्रवासी पक्षी हजारों मील की दूरी तय करके चिल्का आते हैं. पिछले साल चिल्का में 10,74,000 प्रवासी पक्षी आए थे, जबकि 2021 में रिकॉर्ड संख्या में 12,42,826 पक्षी झील में आए. इसी तरह 2020 में 11,05,040 पक्षी आये. अनुमान है कि इस साल प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ेगी.
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