Odisha News:  केंद्रपाड़ा. केंद्रीय तट के गहीरमाथा (Gahirmatha) में दुर्लभ ओलिव रिडले कछुए का घोंसला बनाने का मौसम शुरू हो गया है. प्रतिकूल मौसम के कारण यह डर था कि इस वर्ष अंडे दिये जा सकेंगे या नहीं. जैसे ही मार्च का महीना खत्म हुआ, यह आशंका थी कि इस साल ओलिव रिडले कछुए (Olive ridley sea turtle) अंडे दिए बिना वापस लौट आएंगे लेकिन कल शाम गहिरमाथा में कछुओं की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, पहले दिन अभियान में लगभग 80,000 कछुए शामिल थे.

 मादा ओलिव रिडले कछुए (Olive ridley sea turtle) 2 महीने से तट के 1 किमी के भीतर एकत्र हो रहे हैं, लेकिन प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण, वे अंडे देने में संलग्न नहीं हुए. इस महीने की 3 तारीख से मौसम शुष्क है और दक्षिणी हवा चल रही है, इसलिए 80,000 ओलिव रिडले कछुए एक दिन में अंडे देने की प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं.

गुरुवार शाम से कछुए नासी-2 गहीरमाथा के रेत तल पर चढ़ गए हैं और अंडे देने की प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं. यह सिलसिला शुक्रवार सुबह तक जारी रहा. इन अंडों से 45 से 60 दिनों के भीतर कछुए बन जाते हैं. वन विभाग ने ओलिव रिडले कछुओं की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं, क्योंकि उन्होंने अंडे देना शुरू कर दिया है. प्रजनन स्थल की बाड़ लगा दी गई है और वन अधिकारियों द्वारा इसकी सुरक्षा की जा रही है. राजनगर डीएफओ सुदर्शन गोपीनाथ यादव, गहीरमाथा रेंज अधिकारी प्रदोष कुमार महाराणा प्रमुख प्रजनन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं.