झारसुगुड़ा। धार्मिक या जाति से जुड़े मुद्दे भारत में नए नहीं हैं और झारसुगुड़ा जिले में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब एक कंगारू कोर्ट (सामुदायिक अदालत) ने एक महिला को उसके पति के उत्पीड़न पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर कड़ी सजा दी।
घटना लाईकेरा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत जम्माल पंचायत के राउतबहाल गांव में हुई। घटना तब सामने आई जब महिला के बेटे ने शनिवार देर रात पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, 45 वर्षीय हेमा किसान का अपने पति महेंद्र किसान से 9 अगस्त को झगड़ा हुआ था। महेंद्र ने गुस्से में हेमा पर हमला कर दिया। झगड़े के दौरान हेमा का हाथ भी पति महेंद्र पर उठ गया। इस वजह से उनका निजी मामला ‘कंगारू कोर्ट’ (सामुदायिक अदालत) में पहुंचा।
कंगारू कोर्ट ने हेमा को दोषी पाया और सजा के तौर पर न केवल उसका सिर मुंडवाया, बल्कि उसे जाति से भी बाहर कर दिया। सजा यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि जाति समुदाय ने उसे नानवेज की दावत, दो मुर्गियां देने और 5 हजार रुपए का जुर्माना देकर जाति में वापस शामिल होने का आदेश दिया।
इस घटना की आस-पास के गांवों के लोगों ने कड़ी आलोचना की है। सभी ने गांव की महिला के साथ इस तरह के बर्ताव की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लाईकेरा पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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