बारीपदा। ओडिशा में वन विभाग के वन्यजीव विंग के बहु-एजेंसी दस्ते ने सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में हाथियों का शिकार करने वाले शिकारियों और तस्करों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इसके तहत पिछले एक सप्ताह में मयूरभंज जिले के सिमिलिपाल से 30 किलोग्राम से अधिक वजनी हाथी दांत जब्त किया गया है. साथ ही 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. Read More – Odisha News : ट्यूबेक्टॉमी के बाद महिलाओं को सुलाया गया अस्पताल के फर्श पर, मरीजों के परिजनों में नाराजगी

सिमिलिपाल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएफ), संयुक्त कार्य बल (जेटीएफ) और विभाग के कई वन्यजीव प्रभागों और रायरंगपुर और पुरी के वन्यजीव प्रभागों की एक संयुक्त टीम ने ये गिरफ्तारी की.

यह सफलता जशीपुर में 18 किलोग्राम हाथी दांत के साथ चार लोगों की गिरफ्तारी से मिली. उनसे पूछताछ के बाद टीम पुरी में सक्रिय एक बिचौलिए तक पहुंची. बाद में उसे जेटीएफ और पुरी वन्यजीव प्रभाग की ओर से पकड़ लिया गया. बिचौलिए से प्राप्त जानकारी के कारण करंजिया में एक डिकॉय ऑपरेशन के माध्यम से 12.9 किलोग्राम हाथी दांत की एक और जब्ती हुई. बाद में एसटीआर के सीमावर्ती इलाकों से पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया गया. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये दांत पिछले एक साल में सिमिलिपाल में शिकार किए गए हाथियों से बरामद किए गए थे.

गिरफ्तार किए गए 10 लोगों की पहचान 45 वर्षीय घासीराम जेराई, 55 वर्षीय आनंद केराई, 55 वर्षीय शिबसंकर बनारा, 35 वर्षीय चौ अल्दा, 45 वर्षीय दबरा बदरा, 21 वर्षीय बर्ग बदरा, 22 वर्षीय पपुलु बदरा, 24 वर्षीय बद्र, 23 वर्षीय मार्कंड हो और 53 वर्षीय नरेंद्र बानराके रूप में की गई है. इनमें से तीन सिमिलिपाल के खेजुरी गांव के हैं, एक बिसोई का और 6 जशीपुर इलाके के हैं.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने टीएनआईई को बताया कि उनके पास से जब्त किए गए धनुष और तीर से पता चलता है कि वे जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए जैविक जहर का इस्तेमाल करते थे.