नुआपड़ा। ओडिशा में होने वाले नुआपड़ा विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। शनिवार, 3 नवंबर को चुनावी प्रचार के लिए पहुँचे बीजद सुप्रीमो और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर की उड़न दस्ते (Flying Squad) ने जांच की। यह कार्रवाई आदर्श आचार संहिता के नियमों के तहत की गई, जो चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य प्रक्रिया है।
अधिकारियों के अनुसार, यह निरीक्षण पूरी तरह चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया गया। चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों से जुड़े वाहनों, हेलीकॉप्टरों और विमानों की जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि उनके जरिए कोई अवैध नकदी, उपहार या प्रलोभन सामग्री न ले जाई जा रही हो।
इससे पहले, इसी उड़न दस्ते ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा के हेलीकॉप्टर की भी जांच की थी, जब वे कुछ दिन पहले इसी क्षेत्र में प्रचार अभियान पर आए थे। अधिकारियों का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान मानक लागू हैं, ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।
नवीन पटनायक के नुआपड़ा आगमन के बाद, भाजपा उम्मीदवार जय ढोलकिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजद प्रमुख पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को “नुआपड़ा की याद केवल चुनावों के वक्त ही आती है।”
ढोलकिया ने आरोप लगाया कि पटनायक ने अपने लंबे राजनीतिक कार्यकाल में कभी भी नुआपड़ा का दौरा नहीं किया, “यहाँ तक कि मेरे पिता, दिवंगत राजेंद्र ढोलकिया से मिलने भी कभी नहीं आए।” उन्होंने कहा कि जनता अब ऐसे “राजनीतिक नाटकों” को भलीभांति समझ चुकी है और आने वाले मतदान में इसका जवाब देगी।
बीजद की ओर से हालांकि अभी तक ढोलकिया के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का नुआपड़ा दौरा जनता से सीधे संवाद स्थापित करने और विकास योजनाओं की जानकारी देने के उद्देश्य से किया गया था।
इस घटना ने नुआपड़ा के चुनावी माहौल को और तीखा और प्रतिस्पर्धी बना दिया है। बीजद और भाजपा दोनों ही मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। एक ओर जहां बीजद राज्य की विकास उपलब्धियों को गिना रही है, वहीं भाजपा स्थानीय मुद्दों और नेतृत्व की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर रही है।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, नुआपड़ा अब ओडिशा की सियासत का केंद्र बन गया है। मतदाता भी अब नेताओं के हर वादे, दौरे और बयान को बारीकी से परख रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गरमाती राजनीतिक फिज़ा में किस दल के पक्ष में जनता का मूड झुकता है।
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