ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में यह कार्यवाही की गई है. बताया गया कि एनसीपी की तरफ से की गई जांच में दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक अनुशासन को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सचिव सच्चिदानंद सिंह ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है.

 उन्होंने यह निर्णय अजीत सिंह और जितेंद्र सिंह सहित तीन सदस्यीय जांच समिति द्वारा प्राप्त तथ्यों, साक्ष्यों और अनुशासनहीनता के निष्कर्षों के आधार पर लिया है। जांच के दौरान पाया गया कि राजकुमार यादव ने बिहार प्रदेश राकांपा कार्यालय में वरिष्ठ ओबीसी राष्ट्रवादी नेता छगन भुजबल की तस्वीर लगाने को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया, जिससे प्रदेश संगठन में तनाव और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई।

घटना की जानकारी मिलने पर जारी आदेश में उन्हें केंद्रीय पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया गया तथा बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित किसी भी कार्यक्रम में भाग न लेने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। इन निर्देशों की अवहेलना करते हुए उन्होंने चुनाव कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेकर पार्टी अनुशासन का खुला उल्लंघन किया, जिससे पार्टी प्रत्याशियों और समर्थकों में तीव्र असंतोष व्याप्त हो गया। मामला सार्वजनिक होने के बाद भी राजकुमार यादव ने कोई खेद व्यक्त नहीं किया और न ही माफी मांगी, जबकि छगन भुजबल अस्वस्थता के कारण अस्पताल में भर्ती थे।

इससे स्पष्ट है कि उन्होंने जानबूझकर और मानवीय संवेदनाओं के बिना ऐसा किया, जो अनुशासन के विरुद्ध है। इसके साथ ही यह बताया गया कि राजकुमार यादव की निरंतर अनुशासनहीनता के कारण फोटो विवाद मीडिया तक पहुंच गया, जिससे पार्टी की छवि, विश्वसनीयता और संगठनात्मक एकता को नुकसान पहुंचा।

ये सभी मामले अत्यंत गंभीर हैं, अतः जांच समिति की अनुशंसा और राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) ब्रजमोहन श्रीवास्तव के अनुमोदन से यह आदेश जारी किया गया है। राजकुमार यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है तथा उन्हें पार्टी के सभी पदों, दायित्वों एवं नियुक्तियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है।