बालासोर में यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं होने से नाराज छात्रा द्वारा आत्मदाह करने के मामले में गुरुवार को कांग्रेस सहित अन्य दलों ने बंद का आह्वान किया। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

भुवनेश्वर, कटक और राज्य के अन्य हिस्सों में सड़कें सुनसान रहीं। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा सुबह छह बजे से ही प्रदर्शन करने के कारण जटनी, पुरी और भद्रक रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। बाजार, स्कूल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने भुवनेश्वर में कई सड़कों पर नाकाबंदी की। इसके साथ ही भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए बालासोर में मृतक कॉलेज छात्रा के लिए न्याय की मांग की।

बंद के दौरान कांग्रेस, भाकपा, माकपा, माकपा (माले), फॉरवर्ड ब्लॉक, राजद, सपा और राकांपा के नेता अपनी-अपनी पार्टी के झंडे लेकर सड़कों पर उतरे। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता राम चंद्र कदम ने कहा कि ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने के बाद से महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हर दिन कम से कम 15 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं। सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं, जैसे एंबुलेंस, चिकित्सा सुविधाओं, दवा की दुकानों और दूध पार्लरों को बंद के दायरे से बाहर रखा गया था। राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर पूरे ओडिशा में सुरक्षा कड़ी कर दी। गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। साथ ही सरकार ने अपने कर्मचारियों को समय से पहले अपने कार्यालय आने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री आवास के बाहर झड़प मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के आवास के पास सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेस समर्थकों के बीच हाथापाई हुई। सूत्रों ने बताया कि पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास और पार्टी के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू भी शामिल थे।अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने भी बंद में हिस्सा लिया।