झारसुगुड़ा। ओडिशा के डीजीपी ने इंस्पेक्टर संध्यारानी जेना को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया. जब संध्यारानी जेना झारसुगुड़ा जिले के लखनपुर पुलिस थाने की प्रभारी निरीक्षक थीं, तब उन्होंने एक दुर्घटना को एक अलग कोण देने की कोशिश के कारण विवाद खड़ा कर दिया था.
8 जनवरी को लखनपुर थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में तीन घायलों को पीसीआर द्वारा उठाकर फेंके जाने के मामले में पुलिस महानिदेशक ने कार्रवाई की. झारसुगुड़ा एसपी ने घोर कदाचार दिखाते हुए 18 तारीख को आईआईसी को लखनपुर थाने से पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, बीते 8 तारीख को झारसुगुड़ा जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग-49 पर बेलपहाड़ के गौरपड़ा के पास 3 शव मिले थे. बेलपहाड़ पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जांच की. जांच से पता चला कि घायलों को लखनपुर इलाके की पीसीआर वैन से दूसरी जगह ले जाया गया था. यह घटना घटित पाए जाने के बाद आईआईसी के आदेश पर एसपी ने आज कार्रवाई करते हुए उसका तबादला झारसुगुड़ा थाना कर दिया.
इससे पहले क्योंझर पटना पुलिस स्टेशन में रहते हुए एक आरोपी व्यक्ति को लात मारने के आरोप में इंस्पेक्टर संध्यारानी जेना को निलंबित कर दिया गया था. राज्य मानवाधिकार आयोग ने संबंधित आईआईसी को दो साल तक किसी भी थाने में पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया था. इतना ही नहीं, राज्य मानवाधिकार आयोग ने संबंधित आईआईसी को यह भी निर्देश दिया कि वह आरोपियों से कैसे निपटना है, इसका प्रशिक्षण लें. पिछले मई 2020 में इंस्पेक्टर जेना का थाने में एक आरोपी को पीटने का वीडियो वायरल हुआ था. इस घटना में पुलिस महानिदेशक ने आईआईसी को निलंबित कर दिया था.
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