Odisha Teacher’s strike : लगभग एक सप्ताह से चल रहे प्राथमिक शिक्षकों के आंदोलन के कारण पूरे ओडिशा में 54,000 प्राइमेरी स्कूल बंद पड़े हैं, इससे 40 लाख छात्र और पैरेंट्स परेशान हैं. राज्य में करीब 1.30 लाख शिक्षक 8 दिन से सामूहिक अवकाश पर है, जिनका मांग है कि संविदा नियुक्ति प्रणाली को खत्म किया जाए और ग्रेड वेतन में बढ़ोतरी कर पुरानी पेंशन योजना की बहाल किया जाए.
खोरधा जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में, डेपुटेसन पर भेजे गए एक शिक्षक ने बताया कि “मैं सिर्फ छात्रों को व्यस्त रख रहा हूं और मिड डे मील का ध्यान रख रहा हुं. मेरे कक्षा 1 से 8 तक सभी विषयों को पढ़ाना व्यावहारिक रूप से असंभव है. चार शिक्षकों के बजाय एक अकेला शिक्षक कैसे पढ़ा सकता है? मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी. बता दें कि सिर्फ खोर्धा जिला ही नहीं, राज्य के विभिन्न इलाकों में भी यही नजारा है.
इस पर पैरेंट्स भी अब हड़ताली शिक्षकों के समर्थ पर उतरे हैं. एक अभिभावक ने कहा “चूंकि शिक्षक अब हड़ताल पर हैं, छात्र आ रहे हैं और बिना पढ़ाई के घर लौट रहे हैं. हम मांग करते हैं कि सरकार शिक्षकों की शिकायतों के प्रति आवश्यक कदम उठाए ताकि स्कूलों पढ़ाई फिर से शुरू हो सके”.
वहीं छात्रों के भविष्य पर चिंता व्यक्त करते हुए दुसरे अभिभावक ने सवाल किया कि ओडिशा सरकार को इस मामले को सुलझाने और शिक्षकों की मांगों पर निर्णय लेने में कितना समय लगेगा? शिक्षक आंदोलन को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने भी राज्य सरकार की आलोचना की है. उन्होंने राज्य सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है.
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