भुवनेश्वर : ओडिशा 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के दौरान राज्य भर में नौ नए चिकित्सा संस्थान खोलकर अपनी स्वास्थ्य शिक्षा और सेवाओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए तैयार है, जिसमें एमबीबीएस, डेंटल और आयुर्वेदिक कॉलेज शामिल हैं। एआई और स्वास्थ्य पर्यटन भी प्रमुख प्राथमिकताएं हैं।

मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने यह जानकारी दी। मंत्री ने भुवनेश्वर में आयोजित ‘सीआईआई-ओडिशा हेल्थकेयर समिट 2025’ के दौरान यह घोषणा की।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ओडिशा सरकार ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए राज्य में नौ नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दे दी है, जो स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और शिक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

घोषणा के अनुसार, जगतसिंहपुर, भद्रक, ढेंकानाल और नबरंगपुर जिलों में चार एमबीबीएस कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, बुर्ला, बरहामपुर, क्योंझर और बलांगीर में चार डेंटल कॉलेज खोले जाएंगे, जबकि मयूरभंज में एक नया आयुर्वेदिक कॉलेज होगा। इस विस्तार को राज्य के बजट में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने तालचेर और फूलबानी में नव स्थापित मेडिकल कॉलेजों में 100-100 छात्रों को प्रवेश देने का फैसला किया है, जिससे मेडिकल सीटों की संख्या में वृद्धि होगी।

डिजिटल स्वास्थ्य सेवा के प्रति ओडिशा की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने घोषणा किए कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को एकीकृत करने वाला ओडिशा भारत का पहला राज्य बन गया है।

ओडिशा स्वास्थ्य पर्यटन केंद्र बनने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। सीआईआई-ओडिशा शिखर सम्मेलन ने सभी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन पर जोर दिया, जिसका लक्ष्य सार्वजनिक और निजी संस्थानों में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज है।

ये पहल न केवल चिकित्सा शिक्षा में क्षमता का विस्तार करने के लिए बल्कि स्वस्थ आबादी के लिए प्रौद्योगिकी और समग्र देखभाल मॉडल को अपनाने के लिए ओडिशा के रणनीतिक बदलावों को दर्शाती हैं।