भुवनेश्वर। ओडिशा में दिवाली के जश्न की रौनक फीकी पड़ गई क्योंकि पटाखों के घने धुएं ने कई शहरों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया. भुवनेश्वर, कटक और पुरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक रूप से बढ़ गया, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी चिंताएं बढ़ गईं.

उत्सव के आसमान पर छाए प्रदूषण के बादल

भुवनेश्वर, कटक और पुरी के निवासियों ने दिवाली की रात के बाद छाए घने धुएं के कारण दृश्यता में कमी और सांस लेने में तकलीफ की सूचना दी.

भुवनेश्वर में, AQI 180 को पार कर गया, जबकि कटक में 190 दर्ज किया गया—दोनों को खराब और अस्वस्थ श्रेणी में रखा गया है. जबकि पुरी में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी देखी गई, जहां शाम 7 बजे AQI का स्तर 657 तक पहुंच गया और रात 9 बजे तक 595 पर बना रहा, जो बेहद खतरनाक स्थिति का संकेत है.

कुछ इलाकों में दृश्यता 200 मीटर से भी कम हो गई, जिससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित रूप से चलना मुश्किल हो गया.

बढ़ता शहरी प्रदूषण एक बढ़ती चिंता का विषय

दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण ने ओडिशा के शहरी केंद्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर चर्चा को फिर से शुरू कर दिया है. विशेषज्ञ त्योहारों के मौसम में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून प्रवर्तन, बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन और जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं.