रिपोर्ट कुंदन कुमार, पटना। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करने का दिन होता है। इस खास मौके पर पटना के अंतर ज्योति विद्यालय में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। यहाँ पर जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के द्वारा नेत्रहीन बालिकाओं के बीच इस त्योहार की खुशियाँ बाँटी गईं। इस आयोजन में 60 से अधिक नेत्रहीन बालिकाओं ने भाग लिया, जिनमें से कई बालिकाएं अनाथ हैं और विद्यालय में ही रहकर शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।
बच्चों को बाटी मिठाइयां और गिफ्ट
रक्षाबंधन के इस अवसर पर जब जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सचिव डॉक्टर एलबी सिंह ने इस विद्यालय का दौरा किया, तो बालिकाओं के चेहरे पर जो खुशी थी, वह अवर्णनीय थी। डॉक्टर सिंह ने बच्चों को मिठाई और गिफ्ट दिए, और साथ ही उनके साथ रक्षाबंधन की रस्म भी निभाई। नेत्रहीन बालिकाओं ने उन्हें राखी बांधी, और बदले में डॉक्टर एलबी सिंह ने उन सभी को गिफ्ट और मिठाई दी। यह दृश्य विद्यालय में एक अद्भुत खुशियाँ लेकर आया, जिससे वहां मौजूद हर व्यक्ति की आँखों में खुशी के आंसू थे।
अपनों से ज्यादा मिलती है यहां खुशियां
इन बालिकाओं की शिक्षा ब्रेल लिपि के माध्यम से की जाती है, जिससे वे अपनी पढ़ाई में आगे बढ़ सकें। विद्यालय में जिन बालिकाओं के पास अपना कोई परिवार नहीं है, वे रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर इन छोटी-छोटी खुशियों को जीने का मौका पाती हैं। कई बालिकाओं ने कहा कि उनके परिवार नहीं हैं, लेकिन यहां पर उन्हें जो स्नेह और प्यार मिल रहा है, वह उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। रक्षाबंधन के इस उत्सव ने उन्हें यह महसूस कराया कि वे अकेले नहीं हैं, और समाज उनका साथ दे रहा है।
बालिकाओं ने दिया धन्यवाद
इस आयोजन से जुड़ी एक विशेष बात यह रही कि नेत्रहीन बालिकाओं ने इस अवसर पर डॉक्टर एलबी सिंह और अन्य आयोजकों का दिल से धन्यवाद किया। उनका कहना था कि रक्षाबंधन के दिन जब उन्हें राखी बंधवाने का अवसर मिला और इस पर मिठाई मिली, तो यह उनके लिए बहुत खास था। यह न सिर्फ त्योहार की खुशियाँ थी, बल्कि एक गहरा संदेश भी था कि हम सबको समाज के उन वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, जो किसी न किसी रूप में समाज से अलग-थलग हैं।
जन स्वास्थ्य कल्याण समिति ने कहीं यह बात
इस प्रकार, जन स्वास्थ्य कल्याण समिति ने रक्षाबंधन के दिन इस अनूठे आयोजन से यह संदेश दिया कि खुशियाँ बांटना ही असली त्योहार है। नेत्रहीन बालिकाओं के चेहरे पर मुस्कान देख यह साफ प्रतीत हो रहा था कि जब तक समाज की मदद और समर्थन है, तब तक कोई भी किसी से वंचित नहीं रहेगा। इस नेक कार्य की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम होगी।
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