रोहित कश्यप, मुंगेली। इस साल मानसून की पहली बारिश में गीधा स्थित नवनिर्मित तहसील एवं अनुविभागीय कार्यालय (राजस्व कार्यालय) परिसर कीचड़ में तब्दील हो गया है. आलम ये है कि ऐसी स्थिति में वाहन खड़ा करना तो दूर पांव रखना भी मुश्किल हो गया है. इस समस्या का सामना ना सिर्फ कामकाज लेकर यहां पहुंच रहे लोग कर रहे हैं, बल्कि यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी भी इससे खासे परेशान हैं.
लोगों का कहना है कि निर्माण एजेंसी विभाग ने आनन-फानन काम पूरा किए बिना ही तहसील कार्यालय राजस्व विभाग को हैंडओवर कर दिया. जिसके चलते अब लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस पर मुंगेली एसडीएम अमित कुमार का कहना है कि तहसील परिसर के सामने में पेड़ पौधे और घास लगाना आदि प्रस्तावित है. जिसके चलते यहां अन्य तरह का कार्य नहीं कराया जा रहा है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि लोगों को आने-जाने और वाहन पार्किंग करने में दिक्कत ना हो इसके लिए वर्तमान समय में वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
अघोषित कटौती से परेशान अधिकारी
वहीं जिले में हो रही बिजली की अघोषित कटौती से राजस्व कार्यालय भी अधिकारी-कर्मचारी परेशान हैं. यहां दिन में दर्जनों बार अघोषित बिजली कटौती की जाती है. जिससे विभागीय कामकाज बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा बार-बार बत्ती गुल होने से कामकाज लेकर पहुंचे आम लोगों से लेकर यहां के अधिकारी कर्मचारी भी गर्मी से दो चार हो रहे हैं.
टॉर्च जलाकर कर रहे काम
इतना ही नहीं, न्यायालय के कामकाज से लेकर कंप्यूटर सम्बंधित कामकाज मोबाइल का टॉर्च जलाकर करने की नौबत आ गई हैं. आम लोगों का कहना है कि जिस दफ्तर में तहसीलदार और एसडीएम जैसे अधिकारी बैठते हों और उस जगह पर इस तरह से बत्ती गुल हो रही है, तो जिले में शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में बिजली विभाग के ठेकेदारों की मनमानी कितने चरम सीमा पर होगी ये आसानी से समझा जा सकता है.
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