संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। अचानकमार टाइगर रिजर्व के बफर जोन अंतर्गत कक्ष क्रमांक 453 में धड़ल्ले से तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, जिसके लिए दर्जनों हरे-भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई है. यह कार्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के निर्देश पर जेसीबी मशीन और चार ट्रैक्टर की मदद से करवाया जा रहा है, जबकि ग्रामीण रोजगार की मांग कर रहे हैं.
कोरोना संकटकाल में शहर से गांव लौटे मजदूर बेरोजगार ही रह गए हैं. जीवन यापन के लिए उनको जंगल विभाग से काम दिलाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. मजदूरों के काम के अधिकार का जेसीबी से हनन किया जा रहा है. वनग्राम के ग्रामीणों का आरोप है कि एटीआर के जंगलों में सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए मजदूरों को काम देने के बजाय जेसीबी मशीन लगाकर काम कराया जा रहा है.
मामला एटीआर के बफर जोन के सरसोहा, डगनिया का है, जहां चेतावनी के बाद भी कक्ष क्रमांक 453 में जेसीबी मशीन से तालाब निर्माण कार्य चल रहा था. मजदूरों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब मना करने के बावजूद जेसीबी मशीन से कार्य कराया जा रहा था. इस दौरान नाराज ग्रामीणों ने रोजगार की मांग करते हुए चल रहे मशीन को बंद करवा दिया. वन विभाग द्वारा कैंपा योजना के तहत सरसोहा और डगनिया में तालाब निर्माण का कार्य मजदूरों से ना कराकर, जेसीबी मशीन से करवा रहा हैय तालाब निर्माण कार्य में भारी अनियमितता भी बरती जा रही है.
तालाब निर्माण की जांच की मांग
केंद्र सरकार का आदेश है कि कैंपा योजना के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाये. इसके बाद भी केंद्र सरकार के तमाम नियमो को ताक में रखते हुए एटीआर के अधिकारियों द्वारा तालाब निर्माण कार्य जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है. कार्य के दौरान वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं थे। ग्रामीणों ने तालाब निर्माण की जांच की मांग की है.
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