लखनऊ. यूपी में सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स को पढ़ाई में तेज बनाने के लिए योजना चलाई जा रही है. यह कार्य बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आता है, लेकिन रामपुर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बनाई गई है, जिसमें अलग-अलग विभागों के अधिकारी सम्मिलित किए गए हैं, जो स्कूलों में जांच करने पहुंचते हैं. इसी सिलसिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह रामपुर नगर क्षेत्र के किशनपुर अटरिया प्राथमिक स्कूल निरीक्षण करने पहुंचे और महिला प्रिंसिपल से छात्रों के विवास के बारे में जानकारी लेना चाहा. 

सीएमओ का आरोप है कि जांच के दौरान प्रिंसिपल मैडम ने बेहद कड़े तेवर दिखाते हुए उन्हें तीखे उत्तर दिए. यह पूछने पर कि क्या सभी छात्र निपुण हैं? प्रिंसिपल ने कहा कि सभी गधे घोड़े नहीं हो सकते. इतना ही नहीं प्रिंसिपल ने सीएमओ साहब से यहां तक कह डाला कि मैं साथ में दो नाली बंदूक भी रखती हूं. किसी से डरने वाली नहीं. महिला प्रिंसिपल के इस आचरण से क्षुब्ध CMO तुरंत वहां से चले आए. जब डीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की मीटिंग हुई तो उन्होंने अपना दुखड़ा सभी अधिकारियों के सामने सुनाया.

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मैं किसी गुंडे से डरती नहीं – हेड मास्टर

उनकी बात सुनकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरोपी प्रिंसिपल को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है. उत्तर नहीं मिलने पर बीएसए ने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही है. इस मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सीएमओ 11 जुलाई को प्राइमरी स्कूल किशनपुर जो कि अटरिया नगर क्षेत्र में पड़ता है, उसमें निरीक्षण के लिए गए थे. निरीक्षण के बाद 25 जुलाई को जब हमारी विभागीय मीटिंग हुई तो सीएमओ ने कहा कि हेडमास्टर आसमा परवीन ने उनसे तमीज से बात नहीं की. उन्होंने मुझसे कहा कि हां बताइए मैं ही हूं यहां की हेड मास्टर, क्या कुछ कहना है, मेरे पास लाइसेंसी हथियार है, मैं हथियार रखती हूं, मैं किसी गुंडे से डरती नहीं हूं. 

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जवाब नहीं मिलने पर होगी कार्रवाई

जब CMO ने कहा कि यहां सारे बच्चे पढ़ने में अच्छे हैं या नहीं? तो आसमा परवीन ने जवाब दिया कि सारे गधे घोड़े नहीं हो सकते. सीएमओ का कहना है कि शिक्षक के पद की गरिमा होती है, लेकिन हेडमास्टर ने इस गरिमा के विपरीत व्यवहार किया. फिलहाल शिकायत के बाद बीएसए ने प्राचार्य आसमा परवीन को नोटिस जारी किया है. साथ ही 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. अगर कोई संतोषजनक उत्तर आता है तो ठीक है, नहीं तो कार्रवाई होगी.

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