रायपुर। राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) ने “निदान-1100” जन शिकायत निवारण प्रणाली में दर्ज शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सुडा ने प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को निर्देश जारी कर नोडल अधिकारी और सहायक नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है.


सुडा द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि निदान-1100 प्रणाली का संचालन प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक किया जा रहा है. इसके तहत नागरिक साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन, सड़कों, नालियों, स्ट्रीट लाइट, जल आपूर्ति, भवन अनुज्ञा जैसी समस्याओं की शिकायत दर्ज कर सकते हैं. लेकिन देखा गया है कि अधिकांश निकाय शिकायतों का समाधान तय समय-सीमा में नहीं कर पा रहे हैं, जिससे आम जनता में असंतोष और निकायों की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है.
इस पर असंतोष जताते हुए SUDA ने कहा कि भविष्य में इन शिकायतों की प्रगति की समीक्षा शासन स्तर पर की जाएगी.
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी निर्देश:
- नगर निगम मुख्यालय: अपर आयुक्त/उप आयुक्त को नोडल अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा.
- नगर निगम जोन कार्यालय: जोन आयुक्त नोडल अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी होंगे.
- नगर पालिकाएं: मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नोडल अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी/सफाई दरोगा/स्वच्छता निरीक्षक को सहायक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा.
- नगर पंचायतें: CMO को नोडल अधिकारी, जबकि सहायक के रूप में सफाई दरोगा या स्वच्छता निरीक्षक की नियुक्ति की जाएगी.
सुडा ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी अधिकारी का तबादला होता है, तो उनके स्थान पर नवपदस्थ अधिकारी स्वतः नोडल या सहायक नोडल अधिकारी माने जाएंगे. सभी निकायों को अपने नियुक्त अधिकारियों की जानकारी राज्य कार्यालय को तत्काल भेजने के निर्देश दिए गए हैं.