कांकेर। कोरोना काल में खाद्य सामग्री की आपूर्ति में बड़े पैमान पर भ्रष्टाचार सामने आई है. क्वारंटाइन सेंटरों में सस्ते दाम में सामान खरीदकर फर्जी तरीके से महंगी बिल बनाई गई. यह खुलासा सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज में हुआ है. अप्रैल और मई महीने में जिन सब्जियों का बाजार मूल्य 10 रुपए किलो था, उन्हें क्वारंटाइन सेंटरों में 40-40 रुपए की दर से खरीदा गया.

हद तो तब हो गई जब इमली पारा क्वारंटाइन सेंटर में सब्जी बनाने के लिए 580 रुपए में एक किलो टमाटर खरीदी की गई. जबकि बाजार में उस समय सब्जियों के दाम में भारी गिरावट थी. कोरोना के बावजदू लोगों को सस्ते दर पर सब्जियां उपलब्ध हो रही थी. मंडी में सब्जी बेचने वालों ने बताया कि अप्रैल-मई महीने में टमाटर 5-10 रुपए किलो थी. बरबट्टी 20 रुपए किलो व भिंडी 10 रुपए थी.

गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने इमली पारा क्वारंटाइन सेंटर की देखरेख के साथ खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जिम्मेदारी आदिम कल्याण विभाग को दिया था. इस दौरान क्वारंटाइन सेंटरों में भारी लापरवाही भी सामने आई थी. इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों ने लाखों रुपए नकद में भुगतान कर दिया. जानकारी के मुताबिक कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जिले को डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि लोगों की सुरक्षा एवं पेट भरने के लिए शासन से मिला था. जिसमें भारी भ्रष्टाचार की गई.

जांच के दिए आदेश-कलेक्टर

कलेक्टर केएल चौहान ने कहा कि इस मामले को लेकर जांच के आदेश दे दी गई है. तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है. जिसके लिए कृषि अधिकारी और उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को कहा गया है.