नई दिल्ली. उच्च न्यायालय ने बुधवार को डीडीए और वन विभाग के अधिकारियों को भीकाजी कामा प्लेस परिसर में पेड़ों के आसपास बने कंक्रीट को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है. अदालत ने इस तरह के सौंदर्गीकरण के औचित्य पर सवाल उठाया है.

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने पेड़ों के कंक्रीटीकरण से हुए नुकसान के संबंध में एक शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करने में विफलता पर अवमानना याचिका पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और वन विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता आदित्य एन प्रसाद ने कहा कि उन्हें अगस्त में

पता चला कि डीडीए द्वारा सौंदर्गीकरण उद्देश्यों के लिए भीकाजी कामा प्लेस कॉम्प्लेक्स में खड़े पेड़ों के चारों ओर एक संलग्न मंच (चबूतरा) का निर्माण किया जा रहा है. न्यायमूर्ति सिंह ने सुनवाई के दौरान पूछा यह सौंदर्याकरण क्या है? फुटपाथ पर आप कंक्रीट की संरचनाएं बनाते हैं? यह पेड़ों के लिए है. आप आवाजाही पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, क्या बात है? अदालत ने वन विभाग के वकील से विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा कि शिकायत के बाद भी पेड़ों की रक्षा के लिए कंक्रीटीकरण के खिलाफ उसके अधिकारियों द्वारा कोई त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की गई.