दिल्ली. ठंड ने इस वक्त पूरी दुनिया को हिला रखा है. अमेरिका से लेकर रुस तक. भारत से लेकर जापान तक. हर तरफ ठंड का कहर जारी है. कहीं झील जम गई तो कहीं तालाब जम गए. और तो और कभी सैलानियों से गुलजार रहने वाला नियाग्रा वाटर फाल भी इस बार बर्फ के चलते जम गया. चालीस सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि नियाग्रा वाटर फाल जम गया हो.
ठंड और सर्दी का कहर यूं है कि लोग अपने-अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं. ठंड ने सबसे ज्यादा चपेट में अमेरिका और रूस को लिया है. रुस वैसे भी अपनी हाड़ कंपाने वाली ठंड के लिए जाना जाता है. ठंड का हाल ये रहा कि मास्को में दिसंबर में कई कई दिन तो सिर्फ 6 मिनट के लिए ही सूरज उगे. दिसंबर 2017 मास्को में ठंडी को लेकर बेहद भयावह रहा. रुस के मौसम विभाग के मुताबिक मास्को में दिसंबर में सिर्फ 6 से 7 मिनट ही सूरज निकला. खास बात ये है कि यहां दिसंबर माह में आम तौर पर 18 घंटे तक सूरज निकलता है. इस बार ठंडक ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए.
रूसी न्यूज एजेंसी के मुताबिक 2017 की दिसंबर में सिर्फ 6 या 7 मनट ही सूरज निकला. ये कई सालों में पहली बार हुआ है. साल 2000 में मास्को में दिसंबर में सबसे कम समय के लिए सूरज निकला था, जो कि तीन घंटे के लिए था. इस बार ठंड ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए. रुस का ओइमाकान गांव दुनिया का सबसे ठंडा स्थान बन गया है. जहां तापमान माइनस 72 डिग्री तक पहुंच गया. ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि ठंड का क्या हाल होगा. फिलहाल तो पूरी दुनिया ठंड की चपेट में है. ऐसे में हर कोई यही मना रहा है कि किसी तरह से ठंडक से राहत मिले.