कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर उपभोक्ता फोरम ने ओला इलेक्ट्रिक कम्पनी के खिलाफ काम्या नरवरिया की शिकायत पर बड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने अपने आदेश में ओला इलेक्ट्रिक कम्पनी को उपभोक्ता काम्या को 1,36,478 रुपये क्षतिपूर्ति, मानसिक तनाव के लिए 20,000 रुपये और मुकदमे की लागत के तौर पर 1,000 रुपये देने का आदेश दिया हैं।कम्पनी को 45 दिन में क्षतिपूर्ति की राशि देनी होगी।

स्कूटर खरीदने के बाद ही आने लगी थी समस्या

दरअसल, यह मामला सितंबर 2023 में शुरू हुआ, जब काम्या नरवरिया को डिलीवरी के बाद ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर में गंभीर तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, कंपनी ने उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया, न ही स्कूटर को रिपेयर किया। उपभोक्ता की लगातार शिकायतों के बावजूद कंपनी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। आयोग ने जांच के बाद उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को भुगतान करने के आदेश दिए हैं,यह निर्देश उपभोक्ता अधिकारों की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

वाहन खरीदने के 3 दिन बाद से बार-बार अनुरोध के बाद भी कंपनी ने कोई संतोषजनक समाधान नहीं दिया था। जिसके बाद आयोग ने उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 2019 की धारा 35 और अन्य धाराओं के आधार पर फैसला सुनाया। अन्य उपभोक्ताओं के लिए ये फैसला राहत देने वाला संदेश देता है। 

बहरहाल, ओला इलेक्ट्रिक के लिए यह मामला एक चेतावनी है कि उपभोक्ता संरक्षण कानूनों की अनदेखी भारी पड़ती है। आयोग के फैसले के बाद उपभोक्ता अधिकारों और सेवा-नियमों की अहमियत एक बार फिर सामने आई है।

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