पंजाब में सामाजिक सुरक्षा विभाग ने लंबे समय से बुढ़ापा पेंशन (pension) ले रहे 63124 ग्रामीणों के जे-फार्म और अन्य कागजात खंगालने शुरू कर दिए हैं। इनमें किसान भी शामिल हैं। सभी जिलों से इसी हफ्ते रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है और विभाग तुरंत ही अपात्र लोगों की पेंशन बंद करेगा।
सभी जिला कल्याण अधिकारियों से रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इन ग्रामीणों में शामिल किसानों की जांच मंडी बोर्ड में उनकी ओर से फसल की बिक्री के लिए जमा कराए जे-फार्म के आधार पर की जा रही है। विभाग के सूत्रों के अनुसार, बुढ़ापा पेंशन ले रहे 63124 लोगों में ज्यादातर अपात्र साबित हो रहे हैं।
इनमें किसी की सालाना आय 60 हजार रुपये की निर्धारित शर्त से ज्यादा है तो किसी के पास कृषि योग्य भूमि 2 एकड़ से ज्यादा है। इसके अलावा कई लाभपात्री मुफ्त आटा-दाल स्कीम का लाभ भी ले रहे हैं।
विभाग की ओर से इससे पहले कराई गई जांच में बुढ़ापा पेंशन के 91000 ऐसे मामले उजागर हुए थे, जिनमें लाभपात्रों की मौत होने के बाद भी उनके परिजन बुढ़ापा पेंशन हासिल करते रहे। विभाग ने ये खाते बंद करने के साथ ही संबंधित परिवारों से भरपाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में ग्रामीण पेंशनधारकों की जांच शुरू की गई है।
सामाजिक सुरक्षा मंत्री डॉ. बलजीत कौर का कहना है कि बुढ़ापा पेंशन के लिए जो भी नियम बनाए गए हैं, वे पिछली सरकारों के समय से ही तय हैं। आप सरकार ने योग्य लाभपात्रों की पहचान करने के लिए जांच कराई है। नियमों के खिलाफ अगर कोई भी व्यक्ति सामाजिक पेंशन का लाभ ले रहा होगा, तो उसे तुरंत इस योजना से बाहर किया जाएगा और आवश्यक होने पर वसूली भी की जाएगी।
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