नई दिल्ली . भाजपा सांसद ओम बिरला 18वीं लोकसभा के स्पीकर चुन लिए गए हैं. ध्वनिमत से NDA उम्मीदवार ने शक्ति परीक्षण पास कर लिया है. उन्होंने विपक्षी कैंडिडेट के सुरेश को हरा दिया है. 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के लिए NDA ने ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है. उनका सामना कांग्रेस के के. सुरेश से होगा. ओम बिरला BJP के सीनियर नेता है और 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर का पद संभाल चुके हैं. उस समय वह निर्विरोध चुने गए थे. NDA ने एक बार फिर से उनको उम्मीदवार बनाया है. वह राजस्थान की कोटा बूंदी सीट से 3 बार के सांसद हैं. ओम बिरला लोकसभा स्पीकर का चुनाव जीत इतिहास बना देंगे. क्यों कि देश के इतिहास में अब तक कोई भी सांसद लगातार 2 कार्यकाल में स्पीकर नहीं रहा है. लेकिन ओम बिरला का नाम NDA ने फिर से आगे किया है.
रिपोर्टों के अनुसार, ओम बिरला की उम्मीदवारी के समर्थन में 10 से अधिक नामांकन दाखिल किए गए हैं. जिनमें PM नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा और TDP, जेडी (यू), जेडी (एस) जैसे भाजपा सहयोगी शामिल हैं. जबकि, कांग्रेस नेता के सुरेश के समर्थन में 3 नामांकन दाखिल किये गये हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि ओम बिरला की मुस्कान सदन को भी खुश रखेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने लगातार तीसरी बार कार्यकाल शुरू किया है और ओम बिरला को लगातार दूसरी बार सदन के नेतृत्व करने का मौका मिल रहा है. पिछले 20 सालों का इतिहास ऐसा रहा है कि ज्यादातर स्पीकर ज्यादा समय तक स्पीकर नहीं रह पाते. या तो वो चुनाव नहीं जीत पाते या स्पीकर नहीं रह पाते. लेकिन, आपने न सिर्फ चुनाव जीता है बल्कि एक बार फिर स्पीकर पद पर आसीन हुए हैं.
ओम बिरला 3 बार के सांसद
ओम बिरला का ताल्लुक राजस्थान के कोटा से है. उन्होंने कोटा बूंदी लोकसभा सीट से 3 बार लोकसभा चुनाव जीता है. BJP से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजन को 41974 वोटों से शिकस्त देकर वह लगातार तीसरी बार संसद पहुंचे हैं. RSS का गढ़ माने जाने वाले कोटा के चुनावी मैदान में BJP ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर फिर से भरोसा जताया था. जो उन्होंने भी टूटने नहीं दिया. वह कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी जी के बाद लगातार 3 बार विधानसभा और 3 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले नेता हैं.
ओम बिरला का राजनीतिक करियर?
साल 2003 अब तक ओम बिरला कोई भी चुनाव हारे नहीं हैं. कोटा से साल 2003 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने साल 2008 में कोटा दक्षिण सीट से कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को शिकस्त दी थी. साल 2013 में उन्होंने 3 बार कोटा दक्षिण सीट से चुनाव जीता था. पहली बार साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए. तब से लेकर अब तक यानी कि 2019 और 2024 में उन्होंने जीत का ही स्वाद चखा है. साल 2019 में BJP ने जब उनको स्पीकर बनाया, तो हर कोई हैरान रह गया. लंबा संसदीय अनुभव न होने के बाद भी ओम बिरला ने जिस तरह से सदन को चलाया, वह तारीफ-ए-काबिल रहा.
ओम बिरला का निजी जीवन
ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को राजस्थान के कोटा शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिरला और माता का नाम श्रीमती शकुन्तला देवी था. 11 मार्च 1991 को उन्होंने डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की. आकांक्षा और अंजलि बिरला नाम की उनकी 2 बेटियां हैं. ओम बिरला की पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने साल 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से M.COM की डिग्री ली थी.
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