भुवनेश्वर : पहली बार अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समितियों के अध्यक्षों का राष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को भुवनेश्वर में शुरू हुआ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दो दिवसीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसमें विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और संसद से लगभग 120 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
‘अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण, विकास और सशक्तिकरण पर संसदीय और विधायी समितियों की भूमिका’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संवैधानिक सुरक्षा उपायों को मज़बूत करना, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उत्थान के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।

इस कार्यक्रम में संसदीय और राज्य विधानमंडल समितियों के अध्यक्षों के साथ-साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे प्रमुख नेता भी भाग ले रहे हैं।
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यह ऐतिहासिक सम्मेलन समावेशी शासन में एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि 1976 के बाद से यह राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित होने वाला पहला ऐसा सम्मेलन है। ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति 30 अगस्त को समापन भाषण देंगे।
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