शाम होते-होते ही शराब के शौकीन लोग चाहे मयखानों में हों या घर पर या फिर किसी पार्टी में, उनका जाम छलकाने का सिलसिला शुरू हो जाता है. बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं जो शौकिया तौर पर और बेहद कम मात्रा में ही शराब पीते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी बात की परवाह किए बिना बस पीते ही जाते हैं. वो लोग बस पीने में इतना मग्न हो जाते हैं कि इस बीच उन्हें ये भी याद नहीं रहता कि अगले दिन उन्हें ऑफिस जाना है या कोई दूसरा जरूरी काम भी करना है. अब आपको बताते है कि हम आपको शराब को लेकर इतनी सारी बातें क्यों बता रहे है… दरअसल ग्रेटर नोएडा के लोगों ने पिछले 3 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए महज 7 महीने के अंदर 1000 करोड़ रुपए की शराब गटक ली. शराब की सबसे अधिक बिक्री शनिवार और रविवार को हुई है.

जिले में शराब की 535 दुकानें हैं. इनमें अंग्रेजी शराब की 140, देसी शराब की 231, बीयर की 138, 25 मॉडल शॉप और एक भांग की दुकान है. दुकानों पर शराब की बिक्री बढ़ती जा रही है. पिछले तीन वर्ष में अंग्रेजी शराब की बिक्री 60,54,556 से 79,67,355 बोतल तक पहुंची है. वहीं, देसी शराब की बिक्री 81,65,416 से 1,20,49,414 लीटर पर पहुंच गई है.

शनिवार और रविवार को खूब छलके जाम

आबकारी विभाग का दावा है कि जिले के बॉर्डर एरिया पर पुलिस की सख्ती बढ़ने से शराब की तस्करी रुकी है. इससे राजस्व बढ़ा है. आबकारी विभाग का ये भी दावा है कि कोविड से उबरने के बाद लोग आर्थिक रूप से भी संपन्न हुए है, पार्टियां कर रहे है, जिससे शराब की बिक्री बढ़ी है. इतना ही नहीं आबकारी विभाग के अनुसार, शनिवार और रविवार को शराब की बिक्री सप्ताह के अन्य दिनों के मुकाबले अधिक होती है.

इसकी वजह 2 दिन की छुट्टी में लोग इंजॉय करते हैं. यहां तक की सबसे अधिक पार्टी करने के लिए वोकेशनल लाइसेंस भी शनिवार और रविवार को लिए जाते हैं. शराब की बिक्री बढ़ाने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि पिछले कुछ साल में कोविड के कारण फाइनेंशल दिक्कत लोगों को थी, अब स्थिति सामान्य होती जा रही है जिसके चलते लोग अब पार्टी कर इंजॉय करने में खर्च कर रहे है.