वाशिंगटन. पृथ्वी पर किसी भी जीव को जिंदा रहने के लिए सूर्य की रोशनी की जरूरत होती है. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में सूरज की सक्रियता बढ़ी है. इसके चलते यहां दो हफ्तों के भीतर 35 विस्फोट हुए, 14 सनस्पॉट बने और छह बार सौर तूफान उठा. खास बात यह है कि इससे पृथ्वी को नुकसान पहुंच सकता है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों से सूर्य में काफी हलचल देखने को मिल रही है. कुछ वर्षों के मुकाबले इस बार ज्यादा शक्तिशाली सौर तूफानों का अनुभव किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि सूर्य का यह 11 साल की गतिविधि का चक्र है. इसके कारण वह विशेष रूप सक्रिय हो गया है. 2019 में ये शुरू हुआ था और उम्मीद है कि 2025 में यह चक्र खत्म होगा. नासा के मुताबिक, सोलर फ्लेयर्स (सौर तूफान) और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमईएस) सूर्य पर होने वाले खतरनाक विस्फोट हैं, जिसका असर पृथ्वी पर होता है. कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य की सतह पर सबसे बड़े विस्फोटों में से एक है.
…तो ये होगा नुकसान
नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य की बढ़ती सक्रियता के चलते खतरनाक सौर तूफान पैदा हो सकते हैं, जो आने वाले समय में धरती पर इलेक्ट्रिक ग्रिड, जीपीएस, उपग्रहों, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष यान को भारी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.