अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश में एक ओर जहां शराब दुकान को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब बंदी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है वहीं दूसरी ओर शहडोल जिले में खुलेआम शराब की होम डिलीवरी हो रही है। किराना सामान की तरह बाइक पर लोगों की डिमांड पर घर घर देशी विदेशी शराब पहुंचाई जा रही है। शराब की होम डिलीवरी पर विधायक एवं बीजेपी की प्रदेश मंत्री मनीषा ने आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है अन्यथा की स्थिति में इस मुद्दे को विधान सभा में उठाने की बात कही है।

आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के अलग अलग हिस्से में ठेकेदारों ने शराब का ठेका ले रखा है। सुबह होते ही नियम विरुद्ध और कानून को ठेंगा दिखाते हुए विभिन्न वाहनों में लोगों के घरों तक शराब पहुंचा रहे हैं। जिला मुख्यालय समेत जिले के बुढ़ार वृत अंतर्गत बुढ़ार, धनपुरी, अमलाई में देशी शराब दुकान से अंग्रेजी शराब की बिक्री की जा रही है। इतना ही नहीं ठेकेदार के इशारे पर उनके कर्मचारियों द्वारा खुलेआम बाइक से घर घर शराब पहुंचा भी रहे हैं। इसी तरह जिले में नियम विरुद्ध कई फैक्ट्री संचालित है।

शराब दुकान के अलावा गली गली किराना दुकानों में भी शराब की बिक्री की जा रही है। जिससे युवा और बच्चे भी शराब के आदी हो रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर कुछ युवाओं ने विरोध करते हुए जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से शराब की होम डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग की है। साथ उग्र आंदोलन की चेतवानी भी दी है। इस मामले में जैतपुर की विधायक मनीषा सिंह ने कलेक्टर के संज्ञान में लाकर इस पर रोक लगाने की बात कही है। कहा कि हमारे प्रयास से यह मामला नहीं सुलझेगा तो विधानसभा में भी मुद्दा उठाया जाएगा।

शराब ठेकेदार के कर्मचारियों का कहना कि वे ठेकेदार के कहने पर घर घर बाइक से शराब पहुंचा रहे है। इसमें उनका कोई दोष नहीं है। वहीं इस पूरे मामले में जिला आबकारी अधिकारी सतीश कश्यप व आबकारी वृत बुढ़ार उप निरीक्षक सुनील सिंह चंदेल कुछ भी कहने से बच रहे है।

जिले में आबकारी विभाग लगातार आदिवासी गरीबों के घरों में छापा मारकर कच्ची शराब के खिलाफ कार्रवाई कर वाहवाही लूट रही, जबकि इन आदिवासियों को सीमित मात्रा में शराब बनाने सरकार ने छूट दे रखी हैं। वहीं घर घर शराब पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई न करना समझ से परे है। अब देखना होगा कि शराब ठेकेदारों की यह करतूत उजागर होने के बाद आबकारी विभाग इसे रोकने में सफल होता है या फिर इन्हें अभयदान देकर सिर्फ गरीब आदिवासियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus