संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। धान उपार्जन केंद्र और जिला सहकारी बैंक की एक बार फिर गड़बड़ी उजागर हुई है. दो साल पहले किसान की मृत्यु के बाद भी मुर्दा के नाम पर धान बेच दिया गया, यही नहीं बैंक से हजारों रुपये समर्थन मूल्य की भुगतान राशि भी निकाल ली गई है.

जानकारी के अनुसार, पूरा मामला विस्थापित गांव नया जल्दा का है. दो साल पहले दिवंगत अधियार सिंह बैगा के नाम से उपार्जन केंद्र वेंकट नवागांव में धान की बिक्री की गई, इसके बाद लोरमी स्थित जिला सहकारी बैंक से भुगतान राशि का आहरण भी कर लिया गया.

मामले की शिकायत पर नायब तहसीलदार राहुल कौशिक ने बताया कि अधियार सिंह बैगा के 26 वर्षीय बेटे संतोष बैगा के अनुसार, उसके पिता की दो साल पहले ही मौत हो गई है, लेकिन उनके नाम पर प्राप्त वन अधिकार पट्टा और बैंक पासबुक को चार साल पहले जुनापारा के बिचौलिया भाईराम ने रखा है. भाईराम ने ही बीते वर्षों की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी केंद्र में धान बेचने के बाद उनके नाम पर जिला सहकारी बैंक से फर्जी तरीके से राशि निकाल ली है.

मामले में जिला सहकारी बैंक लोरमी के शाखा प्रबंधक हरीश वर्मा इसके बारे में कोई जानकारी नही होने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिए. तो वहीं एसडीएम मेनका प्रधान ने बताया कि जांच कर ली गई है. दस्तावेज एकत्रित किया जा रहा है, जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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पूर्व के मामलों की तरह कि इस मामले में भी धान उपार्जन केंद्र के साथ जिला सहकारी बैंक के अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका संदेह के घेरे में है. आरोप है कि जिला सहकारी बैंक में किसान के पहुंचे बिना ही कमीशन लेकर राशि का भुगतान किया जाता है. इस संबंध में शिकायत के बाद कुछ दिनों पहले लोरमी एसडीएम ने छापेमारी कर आधा दर्जन बिचौलियों को जिला सहकारी बैंक से गिरफ्तार किया था. जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था.