हरीशचंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दो युवक और एक बालक नर्मदा स्नान के नगरघाट पर पहुंचे। तब घाट पर पानी कम था। तीनों नर्मदा नदी के बीच चट्टानों पर पहुंच गए। कुछ ही देर बाद ओंकारेश्वर बांध से बिजली बनाने के लिए टरबाइन चलाकर पानी छोड़ा गया, जब तक कुछ समझ पाते तीनों तेज बहाव में फंस गए। गनीमत रही कि वहां मौजूद नाविक संघ होमगार्ड, एसडीआरएफ के जवानों की तत्परता से तीनों को सुरक्षित बचा लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, विदिशा निवासी बंटी पिता दोजराम (29), सुनील पिता किशनलाल और अंश (4), नगरघाट स्थित पत्थरों पर नहा रहे थे। इसी दौरान डैम से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का बहाव अचानक तेज हो गया। कई बार चेतावनी देने के बावजूद तीनों लोग बाहर नहीं निकले और बीच में फंस गए।
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तीनों की जान खतरे में देख फंसे हुए तीर्थ यात्रियों को बचाने के लिए ओंकारेश्वर नाविक संघ के सेलू पिता मंगू सबसे पहले बिना इंजन वाली नाव लेकर पहुंचे। लेकिन इंजन नहीं होने के कारण उनका प्रयास सफल नहीं हो सका। इसके बाद नाविक संघ पिंटू उर्फ पंकज केवट पिता मंगू अपनी डीजल इंजन वाली नाव लेकर पहुंचे और तीनों को सुरक्षित नगरघाट पर वापस लाया।
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इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सैनिक नवल सिंह, एसडीआरएफ के महेश रावत की अहम भूमिका रही। वहीं स्थानीय लोगों और नाविक संघ ने प्रशासन से मांग की है कि जब तक सभी इंजन चालित नाव सुचारू रूप से उपलब्ध नहीं हो जातीं, तब तक प्रत्येक घाट पर एक इंजन वाली नाव अनिवार्य रूप से तैनात की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना को रोका जा सके।
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