हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर से आज एक अनूठी आध्यात्मिक परंपरा का शुभारंभ हुआ। श्री शिव प्रेरणा मां नर्मदा कलश यात्रा…यह केवल आस्था का नहीं, बल्कि विश्व कल्याण का संदेश देने वाली यात्रा है। लगातार चौथे वर्ष यह पंच वर्षीय यात्रा मां नर्मदा के पवित्र जल के साथ प्रारंभ की गई है। इस यात्रा में मां नर्मदा के जल को कलश में भरकर 12 ज्योतिर्लिंगों पर जलाभिषेक करने की विशेष परंपरा निभाई जाती है।

पंडित श्रीकांत जोशी और मित्रों के मार्गदर्शन में यह धार्मिक यात्रा प्रतिवर्ष ओंकारेश्वर नर्मदा तट से शुरू होकर सभी ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचती है। इस वर्ष भी लगभग 40 से 50 श्रद्धालु भक्त कलश यात्रा में शामिल हुए। यात्रा का मूल उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समस्त मानवता के लिए शांति, स्वास्थ्य और मंगलकामना की प्रार्थना करना है। यात्रा से जुड़ते श्रद्धालु इसे न केवल भक्ति का प्रतीक मानते हैं, बल्कि समाज को जोड़ने और एकता का संदेश देने वाला माध्यम भी समझते हैं।

यह यात्रा केवल परंपरा नहीं है, बल्कि विश्व कल्याण की प्रार्थना है। मां नर्मदा का पवित्र जल जब बारहों ज्योतिर्लिंगों पर चढ़ाया जाता है, तो यह सम्पूर्ण मानवता की शांति और सुख-समृद्धि का संदेश देता है। श्री शिव प्रेरणा मां नर्मदा कलश यात्रा ओंकारेश्वर से निकलकर श्रद्धालुओं को नर्मदा जल और शिव भक्ति के अद्भुत संगम से जोड़ रही है। यह यात्रा भक्तों की आस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ समाज में विश्व शांति और भाईचारे का संदेश भी प्रसारित कर रही है।

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