हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में ममलेश्वर लोक निर्माण को लेकर उपजा असंतोष अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। लंबे समय से मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और मंत्री स्तर तक गुहार लगाने के बाद भी जब निर्माण स्थल परिवर्तन पर कोई ठोस निर्णय नहीं आया, तो आखिरकार नगरवासियों ने एकजुट होकर तीन दिनों का स्वैच्छिक बंद घोषित कर दिया।
ब्रह्मपुरी क्षेत्र के प्रभावित लोग, संत समाज, व्यापारियों से लेकर आम नागरिक तक सभी ने इस बंद का समर्थन किया है। लोगों का कहना है कि ममलेश्वर लोक की वर्तमान योजना से मंदिरों, प्राचीन स्थलों और कई परिवारों का अस्तित्व खतरे में है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सरकार ने उनकी बात सुने बिना ही परियोजना आगे बढ़ाने की कोशिश की, जिसके विरोध में यह बंद आवश्यक कदम बन गया।
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नगर की दुकानें
बाजार, होटल और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा है लेकिन लोगों के मन में उबलता आक्रोश साफ महसूस होता है। वहीं संत समाज ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो यह आंदोलन और भी बड़े स्तर पर जाएगा।
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अब निगाहें शासन-प्रशासन पर टिकी हैं। क्या सरकार जनता की पीड़ा समझकर स्थान परिवर्तन पर कोई संवेदनशील निर्णय लेगी या यह संघर्ष आगे और तेज रूप लेगा ? ओंकारेश्वर की यह शांत लेकिन दृढ़ आवाज अब पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। आपको बता दें कि आज सोमवार को कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन करेंगे। साथ ही कार्यकर्ताओं से भी भेंट करेंगे।
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