रायपुर। संविधान दिवस के अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चों के साथ पालकों और शिक्षकों के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करना हमारे संविधान का अंतिम लक्ष्य है. जब तक हमारा संविधान सुरक्षित है तभी तक हमारा देश और यहां रहने वाला हर व्यक्ति और उसका भविष्य सुरक्षित है.

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित वेबिनार में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं देने के साथ संविधान निर्माताओं को नमन करते हुए कहा कि नई पीढ़ी के मन में अपने संविधान के प्रति आस्था और गौरव का भाव जगाने के लिए छत्तीसगढ़ के स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना के वाचन और संविधान के महत्वपूर्ण अंशों पर चर्चा की शुरुआत की गई है. मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित समस्त संविधान निर्माताओं की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि हमारे महान नेताओं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे मनिषियों ने यह सुनिश्चित किया कि हमारा देश अपने संविधान पर चलेगा. हमारा संविधान हम सब भारतीय मिलकर बनाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान के निर्माण में देश के हर वर्ग, हर समाज और हर क्षेत्र के विचारकों, चिंतकों और विधि विशेषज्ञों की भूमिका रही. गौरवशाली संविधान बनाने का काम पूरा करते हुए 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने इसे अंगीकार कर लिया, इसलिए आज का दिन संविधान दिवस कहलाया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान की रचना उदारता और समग्रता के साथ की गई, उसमें न सिर्फ संविधान निर्माण प्रक्रिया में शामिल सभी लागों को भावनात्मक रूप से जोड़ा गया, बल्कि आने वाली पीढि़यों और जन-जन को, यह संविधान अपनेपन से जोड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसे हम भारत के लोगों ने स्वयं बनाया और स्वयं समर्पित किया है. इस दौरान उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पठन भी किया.

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बेबीनार में अपने संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप स्कूलों में प्रार्थना के दौरान संविधान के विषय में चर्चा की जाए, ताकि लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप विद्यालय की व्यवस्था संचालन में बच्चों की भूमिका सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि संविधान महज एक किताब नहीं, वरन वह भारत की आत्मा है. संविधान देश का सर्वाेच्च कानून होता है. मंत्री डॉ. टेकाम ने शिक्षकों और विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान और बाद में अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए अपना नियम, कानून या संविधान बनाए और सभी मिलकर अपने स्कूल या क्षेत्र में इसका पालन करें.

संचालक लोक शिक्षण संचालनालय जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि विद्यालयों में शासन के मंत्रियों की तरह बच्चों को मंत्री बनाया जाए तथा उन्हें तदनुरूप भूमिका भी प्रदान की जाए, ताकि वे संवैधानिक प्रक्रियाओं से परिचित होते रहें. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रो. व्हीके गोयल ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया तथा संविधान के महत्व पर चर्चा की. सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश ने संविधान से संबंधित गतिविधियों के आयोजन के संबंध में चर्चा की. विषय विशेषज्ञ के पैनल में शामिल शिक्षकों ने संविधान के दर्शन प्रस्तावना, स्त्रोत, महत्व, विशेषताएं एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओ पर सारगर्भित जानकारी वेबीनार में दी. कार्यक्रम का संचालन राज्य मीडिया प्रभारी प्रशांत कुमार पाण्डेय और आभार प्रदर्शन छत्तीसगढ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के उपसचिव जेके अग्रवाल ने किया.