नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘जो पार्टियां अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुकी हैं, वे लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकती हैं.’ प्रधानमंत्री मोदी संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस समारोह में बोल रहे थे, जिसका कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा कि देश एक संकट की ओर बढ़ रहा है, इस ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार आधारित दलों के रूप में भारत एक तरह के संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान के प्रति समर्पित लोगों के लिए और लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए चिंता का विषय है.

संविधान दिवस के मौके विपक्ष ने किया संसद के सेंट्रल हॉल कार्यक्रम का बहिष्कार

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक परिवार के एक से अधिक व्यक्ति योग्यता के आधार पर पार्टी में शामिल होने से पार्टी को वंशवादी नहीं बनाते हैं. समस्या तब उत्पन्न होती है, जब एक ही परिवार द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी पार्टी चलाई जाती है. प्रधानमंत्री ने अफसोस जताया कि संविधान की भावना को भी इससे चोट पहुंचती है, संविधान के हर वर्ग को भी चोट पहुंचती है, जब राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो देते हैं. उन्होंने कहा कि जो पार्टियां अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुकी हैं, वे भला लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकती हैं.

 

देश आज मना रहा है 71वां संविधान दिवस

गौरतलब है कि देश आज 71वां संविधान दिवस मना रहा है. इस मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में मुख्य कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने परिवारवाद पर निशाना साधते हुए कांग्रेस को ‘पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाय द फैमिली’ कहा. मोदी ने यह भी कहा कि संविधान बनाने वालों ने देशहित को सबसे ऊपर रखा, लेकिन समय के साथ नेशन फर्स्ट पर राजनीति का इतना असर हुआ कि देशहित पीछे छूट गया. जिस कांग्रेस पर प्रधानमंत्री ने निशाना साधा, उसके साथ देश की 14 विपक्षी पार्टियों ने संविधान दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. इनमें शिवसेना, NCP, समाजवादी पार्टी, राजद, IUML और DMK शामिल हैं. दरअसल, कांग्रेस और तृणमूल ने पहले ही कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस की अपील पर बाकी पार्टियों ने भी कार्यक्रम में न पहुंचने का ऐलान कर दिया.

One Year of Farmers Movement: कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बावजूद दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का भारी जमावड़ा, आंदोलन अब भी जारी

 

प्रधानमंत्री ने दोषी भ्रष्ट लोगों को भूलने और उनका महिमामंडन करने की प्रवृत्ति के खिलाफ भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि सुधार का अवसर देते हुए हमें सार्वजनिक जीवन में ऐसे लोगों का महिमामंडन करने से बचना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने बाबासाहेब अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, महात्मा गांधी जैसी दूरदर्शी महान हस्तियों और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बलिदान देने वाले सभी लोगों को भी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि आज इस सदन को सलामी देने का दिन है, ऐसे ही दिग्गजों के नेतृत्व में काफी मंथन और विचार-विमर्श के बाद हमारे संविधान का अमृत निकला है.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने 26/11 के शहीदों को भी किया नमन

प्रधानमंत्री मोदी ने 26/11 के शहीदों को भी नमन किया. उन्होंने कहा कि आज 26/11 हमारे लिए ऐसा दुखद दिन है, जब देश के दुश्मनों ने देश के अंदर आकर मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम दिया था. देश के वीर जवानों ने आतंकियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी. आज मैं उनके बलिदान पर उन्हें नमन करता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान दिवस भी मनाया जाना चाहिए, क्योंकि हमारे मार्ग का लगातार मूल्यांकन होना चाहिए कि यह सही है या नहीं.

 

महात्मा गांधी को किया याद

पीएम ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन में अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी राष्ट्र को कर्तव्यों के लिए तैयार रहने की कोशिश की थी. बेहतर होता कि देश की आजादी के बाद कर्तव्य पर जोर दिया जाता. ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में यह कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ना हमारे लिए आवश्यक है, ताकि हमारे अधिकारों की रक्षा हो सके.