लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के कथित बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ‘नफरत की भाषा बोलने से बेहतर है कि भाईचारे की बात की जाए’. उन्होंने कहा कि संविधान के तहत चार वर्ग- सामान्य, पिछड़ा, अनुसूचित जाति और जनजाति- निर्धारित हैं और मुसलमान भी पिछड़े वर्ग में आते हैं. राजभर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस सच्चाई को छिपाकर राजनीति कर रही है. ताकि मुसलमानों को 27% आरक्षण में उनकी हिस्सेदारी के बारे में सही जानकारी न मिले.

इसके अलावा, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के बयान पर बोलते हुए राजभर ने वक्फ बिल के विरोध को लेकर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि “वक्फ बिल का विरोध वही मुसलमान कर रहे हैं, जो वक्फ की जमीन बेचकर अमीर बनना चाहते हैं.” उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि इस कानून से गरीब मुसलमानों, महिलाओं और युवाओं को भी वक्फ बोर्ड का लाभ मिलेगा. राजभर ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस, बसपा और सपा सिर्फ मुसलमानों को नफरत की राजनीति सिखा रही हैं. जबकि उनकी पार्टी वास्तविक हक और अधिकार दिलाने के लिए काम कर रही है.

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डीके शिव कुमार ने ऐसा क्या कहा?

दरअसल, एक निजी चैनल में इंटरव्यू के दौरान शिवकुमार से धर्म के आधार पर आरक्षण के संबंध में पूछा गया. जिस पर उन्होंने कहा कि ‘हां, मैं सहमत हूं. देखते हैं, कोर्ट क्या कहता है. हमने एक शुरुआत की है. मुझे पता है कि लोग कोर्ट जाएंगे. हमें अच्छे दिनों का इंतज़ार करना चाहिए, अच्छे दिन आएंगे. बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं, संविधान बदल रहा है. ऐसे फ़ैसले भी आ रहे हैं जो संविधान को भी बदल देंगे.’

यहां से हुई शुरुआत

पिछले दिनों कर्नाटक विधानसभा ने अल्पसंख्यकों को ठेकेदारी में चार प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया. जिसे लेकर डीके शिवकुमार ने ये बयान दिया था. इस संबंध में उन्होंने एक निजी चैनल में कहा था कि ‘यह हमारी ड्यूटी है कि समाज के सभी वर्गों का उत्थान करें. आज़ादी के बाद आरक्षण तय हुआ था और कहा गया था कि समाज के सभी कमज़ोर वर्गों के हितों की रक्षा होनी चाहिए. इसलिए आर्थिक रूप से हमें उन्हें ऊपर उठाना चाहिए.’