मुंबई। महाराष्ट्र में 943 दिनों तक सत्ता में बने रहने के बाद अब उद्धव ठाकरे की सरकार रुखसत कर चुकी है. पौने तीन साल के कार्यकाल में उद्धव सरकार ने अनेक विवादित फैसले लिए जिनकी वजह से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से शिवसेना के मंत्रियों को दूर कर दिया, यहां तक पारंपरिक वोटबैंक खिसकता देख उन्होंने उद्धव ठाकरे से ही किनारा करना बेहतर समझा. आइए उद्धव सरकार के इन विवादास्पद फैसलों पर डालते हैं नजर…

हनुमान चालीसा का पाठ

बाला साहेब ठाकरे के समय से हिन्दुत्व के दम पर मराठी मानुस के बीच अपनी पैठ बनाने वाली शिवसेना उद्धव के शासनकाल में लगता था अपना यह मुद्दा ही भूल गई थी. इस मुद्दे पर उद्धव को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से ही चुनौती मिली, जिन्होंने मस्जिदों से लाउड स्पीकर नहीं हटाने पर हनुमान चालीसा का पाट करने का आह्वान किया था. यह मुद्दा इतना बड़ा हुआ कि सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे के पैतृक निवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीस पढ़ने की चुनौती दे डाली. मामले में नवनीत राणा को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिस पर भी उद्धव सरकार की काफी किरकिरी हुई.

कंगना पर एक्शन से सवाल

सुशांत राजपूत की हत्या के बाद से ही बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना नेताओं के बीच जुबानी जंग जमकर हुई थी. ऐसे में कंगना रणौत के मुंबई पहुंचने से पहले बीएमसी उनके पॉली हिल्स स्थित ऑफिस जेसीबी लेकर पहुंच गई. अवैध निर्माण के आरोप में बीएमसी ने कंगना के ऑफिस के एक हिस्से को गिरा दिया था. यही वह समय था जब कंगना ने एक तरफ से उद्धव को एक तरह से श्राप दिया था, जिसमें नारी का अपमान करने पर सत्ता के घमंड चूर-चूर होने की बात कही थी.

सुशांत राजपूत की आत्महत्या

फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत की मौत के मामले को लेकर भी उद्धव ठाकरे सरकार की काफी किरकिरी हुई. आत्महत्या के पीछे अपरोक्ष रूप से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य का नाम भी उछला. सुशांत की मौत के मामले में जांच के लिए बिहार पुलिस मुंबई पहुंची तो महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें क्वारनटीन कर दिया था. इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे सरकार सीबीआई की जांच की सिफारिश करने से बच रही थी, तो बिहार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी थी. महाराष्ट्र के बीजेपी नेताओं ने शिवसेना पर काफी गंभीर आरोप लगाए थे. 

पवार पर एक टिप्पणी और जेल गई केतकी

एनसीपी के प्रमुख शरद पवार पर सोशल मीडिया में अपमानजनक पोस्ट साझा करने के आरोप में मराठी अभिनेत्री केतकी चिताले को ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था. महीनेभर से ज्यादा दिनों तक जेल में काटने के बाद ही केतकी को कोर्ट से जमानत मिल पाई. व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर विरोधी दलों के नेताओं के निशाने पर रहने वाली भाजपा इस मुद्दे पर काफी मुखर होकर शिवसेना सरकार पर हमला बोला था.

पालघर में साधुओं की लिंचिंग

महाराष्ट्र में 16-17 अप्रैल 2020 की रात जब लॉकडाउन में लोग घरों में बंद थे, पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई. पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर भीड़ ने जान ले ली थी. भीड़ के हाथ चढ़े दोनों साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे. वो मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया था. इसके बाद इको कार में सवार दोनों साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां वे मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए. साधुओं की हत्या के बाद से उद्धव ठाकरे पर सवाल खड़े होने लगे थे.

कोरोना पर उठे थे सवाल

कोरोना संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र केरल और दिल्ली के कमोबेश समकक्ष ही रहा. कोरोना के बिगड़ते हालत के चलते पिछले साल बीजेपी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग तक कर डाली थी. कांग्रेस और एनसीपी ने उस समय किनारा कर लिया था. अब भी गाहे-बगाहे कोरोना की उफान आती रहती है, जिसकी वजह से कई बार रात में कर्फ्यू लगाने और आम लोगों से मास्क का इस्तेमाल करने का निर्देश जारी किया जाता रहता है. कोरोना को नियंत्रण नहीं कर पाने के चलते बीजेपी लगातार उद्धव ठाकरे को पर सवाल खड़े कर रही है. 

एंटीलिया पर हुई किरकिरी

देश-दुनिया के नामचीन उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन छड़ बरामद हुआ था. मामले की एनआईए ने जांच करते हुए मुंबई पुलिस अफसर सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल खड़े कर दिए. पहले तो शिवसेना ने सचिन वाजे का बचाव किया यहां तक कि खुद उद्धव ठाकरे भी वाजे के बचाव में आए, लेकिन वाजे की स्वीकारोक्ति के बाद उद्धव सरकार बैकफुट पर चली गई. यहां तक उद्धव ठाकरे सरकार ने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को हटाकर हेमंत नागराले को मुंबई का नया कमिश्नर बनाना पड़ा.

नेवी अफिसर की पिटाई पर घिरे उद्धव

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बने एक कार्टून को पिछले साल सोशल मीडिया पर शेयर करने से नाराज शिवसेना कार्यकर्ताओं ने 62 वर्षीय एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी मदन शर्मा के घर में घुसकर जमकर पिटाई कर दी थी. इस मामले में शिवसेना के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से एक शिवसेना का शाखा प्रमुख कमलेश कदम भी था. यह बात सामने आने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ विपक्षी दल बीजेपी ने सवाल खड़े किए थे. 

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