असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घुसपैठ के खतरे को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा कि अगर हम आज कार्रवाई नहीं करेंगे, तो आने वाले कुछ वर्षों में असम की जनसांख्यिकी इस तरह बदल जाएगी कि राज्य का मुख्यमंत्री भी एक घुसपैठिया बन सकता है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अपने संबोधन में कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे असम की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के साथ-साथ सामाजिक संरचना पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह प्रक्रिया नहीं रुकी, तो आने वाले समय में यह केवल राजनीतिक बदलाव तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर भी असर डालेगी।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से माँ कामाख्या के पवित्र पर्वत का जिक्र करते हुए कहा कि घुसपैठिए भविष्य में वहाँ भी कब्जा जमाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने असम की जनता से अपील की कि इस खतरे को गंभीरता से लें और जनसांख्यिकीय संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार के प्रयासों में सहयोग दें।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर कड़े कदम उठा रही है। सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, सांस्कृतिक धरोहर और असम की अस्मिता से कोई समझौता नहीं करेगी।
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