रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्कूल शिक्षा में गुणवत्ता सुधार अभियान के प्रभावी परिणाम अब दिखने लगे हैं. सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए गए ठोस कदमों के चलते सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ रही है, परीक्षा परिणामों में सुधार हो रहा है और शिक्षकों की गुणवत्ता में भी सकारात्मक परिवर्तन नजर आ रहे हैं.

मुख्यमंत्री साय ने पदभार ग्रहण करते ही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का संकल्प लिया था. उनके निर्देश पर शिक्षा विभाग ने विभिन्न नीतिगत सुधार किए, जिनमें स्कूलों का बुनियादी ढांचा मजबूत करना, शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण में सुधार, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना और विद्यार्थियों के सीखने के स्तर को बेहतर बनाना शामिल है.

शिक्षा सुधार की दिशा में सरकार के बड़े कदम

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं. इन पहलों के कारण राज्य में सरकारी स्कूलों की छवि बदली है और विद्यार्थी एवं अभिभावक अब पहले से ज्यादा विश्वास के साथ सरकारी शिक्षा प्रणाली की ओर रुख कर रहे हैं.

  1. निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का संकल्प

राज्य सरकार ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के सरकारी स्कूलों में निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राथमिकता दी है. इसके तहत पाठ्यक्रम को आधुनिक जरूरतों के अनुसार अपडेट किया गया है और शिक्षकों को नई शिक्षण पद्धतियों से प्रशिक्षित किया जा रहा है.

  1. ‘नवा छत्तीसगढ़ शिक्षाक्षेत्र’ योजना

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ‘नवा छत्तीसगढ़ शिक्षाक्षेत्र’ योजना की शुरुआत की गई, जिसमें छात्रों के बौद्धिक और व्यावहारिक ज्ञान को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. इसके अंतर्गत:

नए स्मार्ट क्लासरूम बनाए जा रहे हैं.
साइंस और मैथ लैब स्थापित की जा रही हैं.
कौशल विकास और वोकेशनल ट्रेनिंग को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है.

  1. शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण में सुधार

सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में नए शिक्षकों की भर्ती की है और पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम लागू किए हैं. इस योजना के तहत:

40,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया.
डिजिटल लर्निंग और आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया.
ग्रामीण इलाकों में ‘गुरुजी ऑन व्हील्स’ कार्यक्रम लागू किया गया, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संभव हुआ.

  1. डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा

मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर डिजिटल लर्निंग को प्राथमिकता दी जा रही है. इसके तहत:

राज्य के 5000 से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं.
बच्चों को टैबलेट और डिजिटल लर्निंग सामग्री दी जा रही है.
‘e-पाठशाला’ और ‘दक्ष विद्यार्थी एप’ जैसी योजनाओं को लागू किया गया है, जिससे विद्यार्थी घर बैठे भी पढ़ाई कर सकते हैं.

  1. स्कूलों का बुनियादी ढांचा मजबूत करना

स्कूलों की हालत सुधारने के लिए सरकार ने बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाया है. इस अभियान के तहत:

15,000 से अधिक स्कूलों का जीर्णोद्धार किया गया.
शौचालय, स्वच्छ पेयजल और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई.
हर जिले में कम से कम एक ‘मॉडल स्कूल’ विकसित किया जा रहा है.

  1. ‘मुख्यमंत्री ज्ञानोदय योजना’ – कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए विशेष कोचिंग

छत्तीसगढ़ सरकार ने कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए ‘मुख्यमंत्री ज्ञानोदय योजना’ लागू की है, जिसके तहत उन्हें बोर्ड परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है. इसके कारण:

10वीं और 12वीं की उत्तीर्णता दर 2022 में 65% से बढ़कर 2024 में 85% हो गई.
ग्रामीण छात्रों की बोर्ड परीक्षा में सफलता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई.

  1. ‘स्कूल चले हम’ अभियान – ड्रॉपआउट दर में भारी कमी

राज्य में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या को कम करने के लिए ‘स्कूल चले हम’ अभियान शुरू किया गया, जिससे:

ड्रॉपआउट दर 2020 में 12% थी, जो अब घटकर 3.5% रह गई.
छात्राओं के नामांकन में 25% की वृद्धि हुई.

शिक्षा सुधारों के सकारात्मक नतीजे

सरकारी आंकड़ों और स्वतंत्र एजेंसियों के सर्वे के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शिक्षा सुधार प्रयासों के प्रभावी परिणाम दिख रहे हैं:

छात्रों की उपस्थिति दर 2021 में 72% थी, जो 2025 में 91% हो गई.
सरकारी स्कूलों में नामांकन दर 2020 में 60% थी, जो 2024 में बढ़कर 78% हो गई.
बोर्ड परीक्षा का परिणाम 2020 में 65% था, जो अब बढ़कर 85% हो गया है.

छात्रों और अभिभावकों की राय

बिलासपुर के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 10वीं की छात्रा नेहा यादव कहती हैं, “पहले हमें प्राइवेट स्कूल जाना पड़ता था, लेकिन अब हमारे सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास और अच्छी पढ़ाई हो रही है. हमें मुफ्त किताबें और डिजिटल सामग्री भी मिल रही है, जिससे पढ़ाई करना आसान हो गया है.”

वहीं, दुर्ग जिले के एक अभिभावक रामलाल वर्मा कहते हैं, “पहले सरकारी स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन अब शिक्षकों की संख्या बढ़ी है और पढ़ाई का स्तर भी सुधरा है. हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है.”

शिक्षा विशेषज्ञों की राय

शिक्षाविद् डॉ. सुरेश मिश्रा का कहना है, “छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षा प्रणाली में बदलाव तेजी से हो रहा है. स्मार्ट क्लास, प्रशिक्षित शिक्षक और नए पाठ्यक्रम ने छात्रों के सीखने की क्षमता को बढ़ाया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नीतियों से प्रदेश की शिक्षा गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है.”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “हमने छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई नई योजनाएं लागू की हैं. हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे और राज्य के सरकारी स्कूल राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता की मिसाल बनें.”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की स्कूल शिक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव हो रहे हैं. सरकार की नई योजनाओं, डिजिटल शिक्षा, प्रशिक्षित शिक्षकों और बुनियादी ढांचे में सुधार के कारण राज्य के लाखों बच्चों को बेहतर भविष्य मिल रहा है. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो छत्तीसगढ़ जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है.