मंदिरों का शहर कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण में पंद्रह दिवसीय माघ पूर्णिमा मेला (24 फरवरी) लगता है. इसमें शामिल होने के लिए क्षेत्र सहित दूरदराज के लोग आते हैं. यह माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होकर महाशिवरात्रि तक चलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन ओडिसा के पुरी से भगवान जगन्नाथ चलकर शिवरीनारायण के मुख्य मंदिर में विराजते हैं. इस तरह शिवरीनारायण दो राज्यों की आस्था का केन्द्र है.
यहां ओडिसा से भी भक्तगण बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि रामायण काल में अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम यहां आए थे और सबरी ने यहीं उन्हें अपने झूठे बेर खिलाए थे. भगवान जगन्नाथ और प्रभु श्रीराम से जुड़ इस आस्था के केंद्र में हर साल मेला सजता है. Read More – Ekta Kapoor ने Ankita Lokhande को दिया बड़ा ऑफर! Bigg Boss के बाद इस सीरियल में आ सकती हैं नजर …
कथा के अनुसार पुजारी की भक्ति और सेवा से प्रसन्न होकर भगवान जमीन से प्रगट होकर चतुर्भुजी रूप में पुजारी को दर्शन दिए और एक आशीर्वाद भी दिया कि शिवरीनारायण गुप्त तीर्थ होगा और वर्ष में एक बार अपने मूल निवास शिवरीनारायण में वापस आएंगे. ऐसा कहकर भगवान अर्न्तध्यान हो गए और भगवान शिला में परिवर्तित हो गए. पुजारी को दिए हुए अपने इसी वचन को निभाने और अपने भक्तों को दर्शन देने आज भी भगवान जगन्नाथ माघ पूर्णिमा को एक दिन के लिए अपने मूल निवास शिवरीनारायण धाम वापस लौटते हैं. Read More – Salman Khan ने पूरी की अपने फैन की इच्छा, कैंसर को हराने वाले जगनबीर से उसके घर जाकर मिले एक्टर …
माघ पूर्णिमा को पुरी के भगवान जगन्नाथ का भोग शिवरीनारायण मंदिर में लगता है. माघ पूर्णिमा को पूरे मंदिर परिसर को फूलों से आकर्षक सजावट किया जाता है. भगवान शिवरीनारायण का आकर्षक वस्रों से मनमोहक श्रृंगार किया जाता है.
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