शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। संसद ने सूचना अधिकार संशोधन अधिनियम 2019 के जरिए केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त की शक्तियों व अधिकार में कटौती कर अपने अधिकार में ले लिया है. इस संशोधन को पीसीसी सचिव विवेक बाजपेयी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के विधि विभाग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.

विवेक बाजपेयी ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह, संदीप दुबे और सुदीप श्रीवस्ताव के माध्यम से चुनौती दी है. बताया गया कि संसद ने सूचना अधिकार अधिनियम में संशोधन कर धारा 13, धारा 16 एवं  धारा 27 में संशोधन कर सूचना आयुक्त की शक्तियों को छीनकर केन्द्र ने अपने अधीन कर लिया है. इस संशोधन के माध्यम से सूचना आयुक्त की नियुक्ति, सेवा अवधि, वेतन सहित अन्य शक्तियों को केन्द्र सरकार ने अपने अधीन कर लिया है. पूर्व में सूचना आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त के समतुल्य संवैधानिक दर्जा प्राप्त था, जिसे संशोधन के माध्यम से समाप्त कर दिया गया.