नेहा केशरवानी, रायपुर. आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बरस पड़े हैं. सीएम बघेल ने कहा कि, राजभवन से अब तक हस्ताक्षर नहीं आया है. कई लोग बयान दे रहे हैं, पर हमने आदिवासियों की मांग पर ही आरक्षण लाया तो अर्चन क्यों आ रही. साथ ही सीएम बघेल ने सवाल करते हुए कहा, अरविंद नेताम और भाजपा ये बताएं कि आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं. भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए, दो गला नहीं होना चाहिए.
आगे सीएम बघेल ने कहा, आज बच्चों और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और इन्हें राजनीति सूझी है. कल आदिवासी समाज ने आंदोलन किया, आदिवासियों की हितैषी बनती हैं राज्यपाल तो आखिर मुलाकात क्यों नहीं किया. राज्यपाल को जो जवाब देना था हमने दे दिया. उनको संतुष्ट नहीं होना, ना ही बिल को वापस करना है और ना ही राष्ट्रपति को भेजना है.
आगे सीएम बघेल ने कहा, राज्यपाल लागू नहीं करना चाहती हैं, बस अपने पास ही रखना चाहती हैं. बिल वापस करें, या राष्ट्रपति को भेजे या अनंत काल तक रख सकती हैं. यही तीन विकल्प उनके पास है. चौथा विकल्प ही नहीं है. Ews को भारत सरकार ने 10 प्रतिशत दिया. हमने क्वांटिफाइबल डाटा के तहत 4 प्रतिशत दिया है, तो विधिक सलाहकार को विश्वास नहीं है?
वहीं सीएम बघेल ने यह भी कहा कि, भाजपा जनता के समक्ष सीधे तौर पर विलेन नहींं बनना चाहती. उन्हें किसी का भला नहीं करना है. वे राजभवन के पीछे दरवाजे से अपना काम कर रहे हैं.
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