भोपाल। कांग्रेस द्वारा सैम पित्रोदा को फिर से ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ का प्रमुख नियुक्त करने पर सियासत गरमा गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का इस पर बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में कांग्रेस का चरित्र दोमुंहा है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण सैम पित्रोदा का कांग्रेस में वापस वापसी का दरवाजा है। सीएम ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है, “कांग्रेस हमेशा चुनाव के समय अलग रोल में रहती है और चुनाव के बाद असली चरित्र दिखाती है।” वहीं मुख्यमंत्री ने सेंगोल विवाद को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आदिवासी अंचल के लोगों को अपमान का घूंट पीना पड़ा- CM मोहन
सीएम मोहन ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सैम पित्रोदा के माध्यम से भारत के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले स्थानीय रहवासियों को (आदिवासी अंचल के लोगों को) अपमान का घूंट पीना पड़ा। वो कांग्रेस का कितना शर्मनाक स्थिति का बयान था। कांग्रेस ने कहा था हमारा इनसे (सैम पित्रोदा) से कोई लेना-देना नहीं है और उनको अपनी पार्टी से बाहर कर दिया।
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लेकिन जैसे ही चुनाव निकला कांग्रेस अपने वादे से मुकर गई। उन्होंने कहा माननीय प्रधानमंत्री ने उस समय भी कहा था, कांग्रेस आज निकाल रही है, कांग्रेस का दरवाजा वापस खुलेगा और सैम पित्रोदा कांग्रेस की धरोहर बनकर निकलेगा। आज वह सबके सामने उदाहरण बना है।
कांग्रेस के कर्णधारों को माफी मांगना चाहिए- CM मोहन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि देश के सामने कांग्रेस के कर्णधारों को माफी मांगना चाहिए कि उनसे गलती हुई है। सैम पित्रोदा को फिर से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
सेंगोल पर सीएम मोहन का सामने आया बयान
वहीं सेंगोल को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच सीएम मोहन ने कहा कि उन भारतीय मान बिंदुओ जिस पर हमें अपने देश की संस्कृति का हमेशा गर्व और गौरव का अनुभव होता है।उन्होंने कहा कि तमिल संस्कृति के माध्यम से हमारे अपने ऐसे सभा स्थल जहां पर विचारों की अभिव्यक्ति होती है और लोकतंत्र का सम्मान होता है। उस स्थान पर सिंगोल रखकर और पवित्र बनाने का काम माननीय प्रधानमंत्री द्वारा हुआ था। लेकिन कुछ असमझ लोग जिनको इस बात की समझ नहीं है कि वो है क्या ? ये हमेशा भारतीय संस्कृति का अपमान करते हैं। मैं ऐसे लोगों के लिए परमात्मा से कामना करता हूं इन्हें सद्बुद्धि दें।
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बता दें कि संसद सत्र की शुरुआत होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और विवाद का दौर शुरू हो गया है। ताजा विवाद ‘सेंगोल’ को लेकर सामने आया है। विपक्ष लोकतंत्र में इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए इसे स्पीकर के आसन के पास से हटाने की मांग कर रहा है। वहीं, भाजपा ने उस पर भारतीय संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया है।
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